कृषि मंत्री की बीकानेर में छापेमारी: कृषि मंत्री Kirodi Lal Meena की बीकानेर में छापेमारी: तेल और 15 लाख कैश जब्त

कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा (Agriculture Minister Kirodi Lal Meena) ने बीकानेर (Bikaner) के नापासर (Napasar) में एक फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल व 15 लाख रुपए कैश मिले।

कृषि मंत्री Kirodi Lal Meena

बीकानेर: कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा (Agriculture Minister Kirodi Lal Meena) ने बीकानेर (Bikaner) के नापासर (Napasar) में एक फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल व 15 लाख रुपए कैश मिले।

फैक्ट्री में डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल और कैश बरामद

कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार देर रात बीकानेर के नापासर गांव में एक फैक्ट्री में छापेमारी की थी।

इस दौरान फैक्ट्री से करीब डेढ़ लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल बरामद किया गया है।

छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में एक पलंग के नीचे बने बॉक्स में 15 लाख रुपए कैश भी मिले हैं।

नापासर पहुंचने से पहले मंत्री मीणा ने संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को अधिकारियों की एक टीम नापासर भेजने के आदेश दिए थे।

नकली बायो डीजल के स्टोरेज की सूचना पर कार्रवाई

मंत्री मीणा को नापासर में बड़े पैमाने पर नकली बायो डीजल के स्टोरेज की सूचना मिली थी।

इसी सूचना के आधार पर उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर यह बड़ी कार्रवाई की।

छापेमारी पेट्रोलियम प्रोडक्ट बनाने वाली एक फैक्ट्री पर की गई।

फैक्ट्री के अंदर बड़े-बड़े कंटेनरों में इंडस्ट्रियल ऑयल भरा हुआ पाया गया।

यह केमिकल सूरत से लुधियाना और दिल्ली जैसे शहरों में भेजा जाता था।

इसके लिए ई-वे बिल भी बनाए जाते थे, लेकिन टैंकर नापासर में ही खाली हो जाते थे।

मौके पर सूरत-अहमदाबाद से लुधियाना और दिल्ली के कई ई-वे बिल मिले हैं।

भुजिया फैक्ट्रियों में उपयोग का दावा

फैक्ट्री मालिक केशव विजय का कहना है कि वे इंडस्ट्रियल यूज के लिए केमिकल बनाते हैं।

उनका दावा है कि इस केमिकल का उपयोग भुजिया फैक्ट्रियों में किया जाता है।

उन्होंने यह भी बताया कि बीकानेर में यह अकेली ऐसी फैक्ट्री नहीं है, जहां इस तरह का तेल बनता है।

उनके अनुसार, कई और फैक्ट्रियों में भी इसी प्रकार का केमिकल बनाया जाता है।

भारतमाला एक्सप्रेस वे पर अवैध बिक्री का खुलासा

दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा भारतमाला एक्सप्रेस वे से जोधपुर से बीकानेर आ रहे थे।

रास्ते में उन्होंने एक ट्रक में पिकअप से डीजल भरते हुए देखा।

आगे जाकर उन्होंने एक और वाहन को भी इसी तरह डीजल भरते हुए पाया।

जब तीसरा वाहन भी भारतमाला एक्सप्रेस वे पर डीजल भर रहा था, तो मंत्री ने अपनी गाड़ी रोकने को कहा।

उन्होंने स्वयं वहां पहुंचकर पूछताछ शुरू कर दी।

पूछताछ के दौरान ड्राइवर ने मंत्री को काफी अहम जानकारी दी।

ड्राइवर ने बताया कि वह नापासर थाने को हर हफ्ते 15 हजार रुपए देता है, इसलिए कोई उसे रोकता नहीं है।

उसने यह भी बताया कि वह नापासर से ही यह डीजल लेकर आता है और कांटे की रसीद भी दिखाई।

इसी ड्राइवर ने मंत्री को नापासर की इस फैक्ट्री तक पहुंचाया, जहां बाद में छापेमारी की गई।

मुनाफा कमाने का तरीका

फैक्ट्री मालिक सूरत से यह ऑयल महज 45 रुपए प्रति लीटर में खरीदते हैं।

वे इसे 72 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से पिकअप वालों को बेचते हैं।

पिकअप वाले इसमें 3 रुपए प्रति लीटर का फायदा जोड़कर 75 रुपए प्रति लीटर में ट्रक ड्राइवरों को बेचते हैं।

दौसा में मिल्क फूड प्रोसेसिंग प्लांट पर भी की थी छापेमारी

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इससे पहले रविवार देर रात अपने गृह क्षेत्र महवा (दौसा) में भी कार्रवाई की थी।

उन्होंने दौसा और भरतपुर जिले के बॉर्डर पर स्थित दाउजी मिल्क फूड प्रोसेसिंग प्लांट पर छापेमारी की थी।

यह छापेमारी उनके जन्मदिन (3 नवंबर) से पहले रात करीब 12 बजे अधिकारियों की टीम के साथ की गई थी।