बीकानेर: दस महीने पहले रामदेवरा के लिए निकला, गजनेर के गोयली की झाड़ियों में मिला पेड़ से लटकता कंकाल, आधार कार्ड से हुई पहचान

बीकानेर से अलग हुए अनूपगढ़ जिले के रावला गांव से करीब दस महीने पहले एक शख्स रामदेवरा जाने का बोलकर घर से निकला था। वापस घर नहीं पहुंचा। घर वाले ढूंढते-ढूंढते थक गए लेकिन वो नहीं मिला। अब अचानक उसका कंकाल गजनेर (Gajaner) के पास गोयली (goyali) गांव में पेड़ से लटका मिला है।

गजनेर के गोयली की झाड़ियों में मिला पेड़ से लटकता कंकाल
अनूपगढ़ | बीकानेर से अलग हुए अनूपगढ़ जिले के रावला गांव से करीब दस महीने पहले एक शख्स रामदेवरा जाने का बोलकर घर से निकला था। वापस घर नहीं पहुंचा। घर वाले ढूंढते-ढूंढते थक गए लेकिन वो नहीं मिला। 
 
अब अचानक उसका कंकाल गजनेर (Gajaner) के पास गोयली (goyali) गांव में पेड़ से लटका मिला है। मृतक के भाई ने यहां मोर्चरी में रखे शव की पहचान अपने भाई के रूप में की है।
 
पुलिस के अनुसार रावला के सात केपीडी में रहने वाले जगजीत सिंह (jagdish singh) की लाश यहां पेड़ पर लटकी हुई मिली थी। उसने पेड़ से लटककर सुसाइड किया है लेकिन ऐसा कब हुआ? ये स्पष्ट नहीं हुआ। गुरुवार को उसका कंकालनूमा शव गजनेर की मोर्चरी में रखा गया। 
 
कपड़ों की छानबीन करने पर उसमें आधार कार्ड मिला। इसी आधार कार्ड के आधार पर रावला के कुलदीप सिंह (kuldeep singh) को कॉल किया गया। कुलदीप गजनेर थाना पहुंचा, जहां से उसे मोर्चरी में रखा शव दिखाया गया। 
 
शव पर पहने कपड़ों और उसमें रखे आधार कार्ड से ही अपने भाई जगजीत सिंह की पहचान की। शरीर पूरी तरह कंकाल हो चुका था। ऐसे में  पहचान करना संभव नहीं था। 
 
गजनेर पुलिस को ये शव गुरुवार को मिला था। ऐसा माना जा रहा है कि पिछले कई दिनों से शव पेड़ पर लटक रहा है लेकिन किसी का ध्यान नहीं गया। गुरुवार को किसी ने पुलिस को फोन करके जानकारी दी।
जिसके बाद शव को कब्जे में लिया गया। कंकाल के कपड़ो में आधार कार्ड होने से उसकी पहचान हो गई।