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देर रात सेना और आतंकियों में मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जिससे 28 साल के योगेश सिंह के सीने में गोली लगने से वे शहीद हो गए।
चूरू | राजस्थान का एक और लाल मातृभूमि की रक्षा करते-करते शहीद हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ में चूरू के सपूत ने आतंकियों से लौहा लेते हुए खुद का जीवन दांव पर लगा दिया है।
जानकारी के अनुसार, देर रात सेना और आतंकियों में मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी।
जिससे 28 साल के योगेश सिंह के सीने में गोली लगने से वे शहीद हो गए।
शहीद योगेश मूलरूप से चूरू के सादुलपुर में स्थित लंबोर गांव के रहने वाले थे।
शहीद की पार्थिव देह आज देर रात तक सादुलपुर पहुंचने की संभावना है। जिसके बाद सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मिशन पर जाने से पहले दोस्त से बात
शहीद के एक दोस्त ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे मिशन पर जाने से पहले ही उनकी योगेश से फोन पर बात हुई थी। तब योगेश ने कहा था कि वह दिसंबर में छुट्टी पर आएगा।
पिता बोले- मेरे बेटे ने सीने में गोली खाई है पीठ नहीं दिखाई
बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में शोक छा गया।
शहीद के पिता पृथ्वी सिंह की आंखों में भले ही बेटे के जाने का गम हो, लेकिन उनका कहना है कि मेरे बेटे ने सीने में गोली खाई है। उसने पीठ नहीं दिखाई। मुझे उसपर गर्व है कि वह देश के काम आया।
मेरा एक ही बेटा था अगर 4 बेटे होते तो भी मैं उन्हें इस देश सेवा में भेजता।
तीन साल बाद होने वाले थे रिटायर
योगेश इंडियन आर्मी के 18 केवलरी आर्म्ड के 14 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर थे। वे 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। बताया जा रहा है कि शहीद योगेश साल बाद ही रिटायर होने वाले थे। उन्होंने कहा था कि अब उनकी 3 साल की नौकरी और बची है।
आपको बता दें कि, जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच दिन से सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।
सेना को गडूल कोकेरनाग के जंगलों में दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। जिसके चलते सेना ने यहां बड़ा सर्च अभियान चलाया हुआ है।