Rajasthan: महिला के स्तन दबाने वाला हांडीखेड़ा बाबा राजस्थान में फंसा

सिरसा (Sirsa) में विवादों में घिरे हांडीखेड़ा बाबा (Haandi Khera Baba) उर्फ संजय भगत (Sanjay Bhagat) अब राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) में फंसे हैं। पुलिस (Police) ने उन्हें फायरिंग रेंज (Firing Range) के पास जगह खाली करने को कहा है। उनका चेला सजायाफ्ता (convicted) निकला।

हांडीखेड़ा बाबा राजस्थान में फंसा

Bikaner | सिरसा में विवादों में घिरे हांडीखेड़ा बाबा उर्फ संजय भगत अब राजस्थान के बीकानेर में फंसे हैं। पुलिस ने उन्हें फायरिंग रेंज के पास जगह खाली करने को कहा है। उनका चेला सजायाफ्ता निकला।

हरियाणा के सिरसा में महिला के स्तन दबाकर इलाज करने के वीडियो से विवादों में आए संजय भगत उर्फ हांडीखेड़ा बाबा को अब राजस्थान के बीकानेर में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सिरसा में ग्रामीणों के विरोध के बाद बाबा ने अपना ठिकाना बदल लिया था और बीकानेर जिले के रामसरा पंचायत क्षेत्र में 15 बीघे जमीन लीज पर लेकर मंदिर व डेरा बनाना शुरू किया था।

हालांकि, ग्रामीणों को जल्द ही सूचना मिल गई कि यह बाबा सिरसा से भागकर आया है। शिकायत मिलने पर महाजन थाने की पुलिस असरासर गांव स्थित डेरे में पहुंची और जांच के लिए संजय भगत को उसकी गाड़ी समेत ले गई।

पुलिस जांच में फर्जी निकला बाबा

राजस्थान पुलिस ने बाबा के दस्तावेजों की जांच की और उसके फर्जी होने का शक जताया। पुलिस ने बताया कि वायरल वीडियो में संजय भगत बच्चे पैदा करने और शादी करवाने जैसे फर्जी दावे कर रहा था। जब पुलिस ने जमीन के बारे में पूछा तो उसने बताया कि जमीन दान में मिली है। यह जमीन नोहर के एक व्यक्ति की है, जिसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

महाजन थाना पुलिस के सीआई रामकेश मीणा ने बताया कि प्राथमिक जांच में संजय भगत फर्जी पाया गया है। उसे एक-दो दिन में इलाका छोड़ने को कहा गया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों ने किया विरोध, गांव से बाहर भेजने की अपील

स्थानीय ग्रामीणों ने भी संजय भगत का विरोध करते हुए पुलिस से उसे गांव से बाहर भेजने की अपील की। ग्रामीणों का आरोप है कि बाबा संजय लोगों से बीमारी ठीक करने, नशा छुड़वाने, शादी करवाने और घर-कामकाज में दोष दूर करने के नाम पर झाड़-फूंक करता था। वह कई लोगों से हजारों रुपए ठग चुका है।

पहले वह सवा लीटर तेल का चढ़ावा लेता था, लेकिन अब घरों में पूजा के नाम पर 11, 21 और 31 हजार रुपए तक वसूलता है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे पाखंडी बाबा से गांव की छवि खराब हो रही है और वे उसे अपने गांव में नहीं चाहते।

सरपंच ने ली परीक्षा, बाबा हुआ फेल

रामसरा पंचायत के सरपंच हनुमान शर्मा, एडवोकेट राजेश गोस्वामी और अन्य ग्रामीण डेरे में पहुंचे। उन्होंने संजय भगत से सवाल-जवाब किए, जिनमें वह फंस गया।

सरपंच और बाबा के बीच सवाल-जवाब:

  • सवाल: भगवान राम के कितने भाई थे?
  • जवाब: राम-लक्ष्मण दो भाई थे।
  • सवाल: वे सगी मां के थे या अलग?
  • जवाब: वे सगे भाई थे।
  • सवाल: यही पूरी जानकारी नहीं है, तो बाबा किस बात का?
  • जवाब: बाकी भाइयों की जानकारी नहीं है, मैं तो राम का नाम लेता हूं।

इस परीक्षा में फेल होने के बाद ग्रामीणों का बाबा के प्रति संदेह और बढ़ गया।

सजायाफ्ता निकला चेला, दी गलत जानकारी

सरपंच और वकील ने संजय भगत और उसके चेले से दस्तावेज दिखाने को कहा। संजय ने अपना आधार कार्ड दिखाया, लेकिन चेला अकड़ने लगा। बाद में चेले ने रोबिन नाम और बौंद गांव का पता बताते हुए आधार कार्ड का अगला हिस्सा दिखाया। जब उस आधार कार्ड की जांच की गई, तो उसमें भिवानी के सांजरवास गांव का पता मिला।

चेले ने बताया कि उसका नाम हत्या के प्रयास की धारा 307 में आया था और तीन साल की सजा काटने के बाद वह एक साल से बाबा के पास रह रहा है। जबकि संजय भगत ने उसे केवल एक महीने से अपने पास होने की बात कही। चेले द्वारा दी गई सारी जानकारी गलत थी, जिससे ग्रामीणों और पुलिस का शक गहरा गया।

फायरिंग रेंज के पास डेरा, सुरक्षा पर सवाल

संजय भगत ने जहां डेरा बनाया है, वह जगह राजस्थान के बीकानेर जिले में अर्जुनसर शहर से असरासर व जसवंतसर गांव की सीमा पर स्थित है। इसके पास ही महाजन फील्ड फायरिंग रेंज है, जिसके कारण सुरक्षा का सवाल भी उठता है, क्योंकि यहां बाहर से आने वाले लोगों की गतिविधियां बढ़ेंगी।

ग्रामीणों और पंचायत ने इस बात पर सवाल उठाया है कि संजय भगत को गांव में कौन संरक्षण दे रहा है और किसने उसे यह जमीन दिलवाई है। पुलिस ने जमीन मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। साथ ही उन सोशल मीडिया वालों को भी बुलाया गया है, जिन्होंने भ्रम फैलाने वाले वीडियो बनाए हैं।

सिरसा से रातों-रात भागा था बाबा

करीब दो से ढाई माह पहले संजय भगत का हांडी खेड़ा दरबार में महिला के स्तन दबाने वाला वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद सिरसा के ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया। ग्रामीणों ने गांव में पहरा देना शुरू कर दिया और बाहर से आने वाले अनुयायियों को वापस भेजना शुरू कर दिया।

पुलिस तक भी मामला पहुंचा और बाबा को पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके बाद बाबा ने गांव के बाहरी ओर बना दरबार बंद कर दिया और घर पर ही ऑनलाइन झाड़े लगाने लगा। एक सप्ताह पहले संजय भगत रातों-रात सेवादारों के साथ गाड़ी लेकर आया और हांडी खेड़ा दरबार से गद्दी व सामान उठाकर राजस्थान चला गया।

सिरसा के ग्रामीणों ने चैन की सांस ली, लेकिन राजस्थान में जाने पर वहां की पंचायत और लोगों ने सिरसा में संपर्क साधा और बाबा की असलियत के बारे में जाना।

राजस्थान में नए पाखंड और 'समाधि' का वीडियो

हरियाणा के सिरसा जिले के हांडी खेड़ा दरबार के विवादित बाबा संजय भगत ने राजस्थान में जाने के बाद पहले की तरह नए-नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। जमीन में दफन होने का एक नया वीडियो सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि संजय भगत चर्चित होने के लिए ऐसा कर रहा है और वहां भी पाखंडवाद फैलाना शुरू कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उससे जुड़ें और झाड़ा लगाने के नाम पर पैसे ले सकें।

ग्रामीणों ने बताया कि संजय पहले भी शुरू में ऐसे ही करता था। कभी चारों ओर धूणे लगाकर भक्ति करता, तो कभी बर्फ की सीली पर लेटकर, कभी खुद को संजय बर्फानी बाबा बताने लगा था। वह ऐसे वीडियो बनवाता और सोशल मीडिया पर वायरल करता। इससे लोगों में अंधविश्वास फैला और वे उसके दरबार में आने लगे। बाद में उसने झाड़े लगाने शुरू कर दिए और ये सब करना छोड़ दिया।

नए वीडियो में बाबा जमीन में समाधि लेने की तरह दिख रहा है, उसका मुंह सिर्फ जमीन के बाहर है और पूरा शरीर जमीन के अंदर दफन है। वह अपने सेवादार से कहता है कि कोई कहता है ना कि भक्ति-भावना नहीं है, तो ऐसा करके दिखाए, उसको पता चल जाएगा। संजय भगत का दावा है कि वह बचपन से भक्ति करता रहा है।

दरबार का नाम बदला, अनुयायी हुए कम

सिरसा से काफी दूर होने के कारण राजस्थान में उसके दरबार में अनुयायी पहुंचना कम हो गए हैं। संजय भगत ने हांडी खेड़ा दरबार का नाम भी बदल दिया है। इसकी जगह डेरा हांडी खेड़ा धाम नाम रख दिया है। इसकी अनुयायियों में काफी चर्चा है।

बीकानेर जिले के असरासर गांव में उसने जमीन ली है और वहीं पर मंदिर बनाना शुरू कर दिया है। अभी सिर्फ तंबू लगाया है, उसमें शनि महाराज की प्रतिमा रखी है। बाकी जगह खाली है, पर काम जोरों पर है।

संजय भगत ग्रामीणों के विरोध के बाद दरबार बंद कर वापस घर पर ही ऑनलाइन झाड़े लगाने लगा था। करीब एक माह वह जमीन तलाशने में जुटा था। उसने सिरसा में ही आसपास के गांव में संपर्क किया, पर वहां जमीन नहीं मिल पाई। कुछ दिन तक सिविल अस्पताल के सामने भंडारा लगाने वाली जगह पर भी शिफ्ट करने की चर्चाएं थी।

इस बीच बीकानेर में रिश्तेदारी से जमीन का पता लगाया। वहां पर डेरे के लिए नई जगह तलाशी। जब संजय भगत हांडी खेड़ा गांव में रातों-रात गाड़ी लेकर सामान उठाने के लिए आया तो सभी हैरान रह गए। खुद संजय भी दरबार से गद्दी और अन्य सामान उठाकर ले जाता नजर आया।

कबाड़ी से बाबा बनने का सफर

हांडी खेड़ा के बुजुर्ग ग्रामीण ओप्रकाश का कहना है कि पहले संजय कबाड़ी का काम करता था, आज बाबा बन गया। संजय ने उनके भाई से कबाड़ की दुकान किराए पर ली थी। इसके अलावा वह खेतीबाड़ी-मजदूरी, हेयर ड्रेसर भी रह चुका है। 30 वर्षीय संजय 3 भाइयों में मंझला है।

10 साल पहले वह खेतीबाड़ी करता था। खेती छोड़कर हेयर ड्रेसर का काम सीखा। फिर कबाड़ी का काम करने लगा। उसके बाद किराना की दुकान खोली। अचानक दुकान बंद कर कहीं चला गया। संजय की खुद की कोई औलाद नहीं है। उसने भाई की बेटी को गोद लिया हुआ है। 2 साल पहले गांव में लौटा तो भक्ति करने लगा और बोला कि गुरु से सीखा है। झाड़े लगाने शुरू कर दिए। बाबा बनने के बाद वह बाउंसर रखने लगा और गाड़ी में घूमता है।