राजीविका: राजीविका को प्रदेश में और मजबूत बनाकर अधिकाधिक महिलाओं को बनाएं आत्मनिर्भर - मुख्य सचिव

राज्य के 20 हजार गांव-ढाणियों में बनेंगे 5 लाख वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर |

प्रगति समीक्षा

जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के माध्यम से जल संरक्षण कार्यों को व्यापक रूप से संचालित किया जाएगा। अभियान के तहत आने वाले चार वर्षों में राज्य के 20 हजार गांव-ढाणियों में 5 लाख वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर (water harvesting structure) बनाए जाएंगे। 

मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में आमजन को समुचित जल उपलब्ध कराने के दिशा में यह अभियान संजीवनी साबित होगा। साथ ही अधिकारियों को अभियान से संबंधित सभी कार्य निर्धारित समय में पूरा करने के लिए भी निर्देशित किया।

उन्होंने योजना की सफलता के लिए जन साधारण की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। कुमार सोमवार को शासन सचिवालय (Government Secretariat) में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की योजनाओं के ‘की परफॉरमेंस इंडीकेटर्स Key Performance Indicators’ की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने बैठक में राजीविका को और भी सशक्त बनाने के लिए रोड मैप (road map) तैयार के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। योजना में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आजीविका से जोड़ कर कार्यक्रम को विस्तार दें।

मुख्य सचिव ने कहा कि राजीविका के माध्यम से गांव ढ़ाणियों में महिलाएं स्वयं सहायता समूह के जरिए आपस में जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही हैं और सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर रही हैं।

उन्होंने प्रदेश के मरुस्थलीय क्षेत्रों में भौगोलिक दूरी के कारण राजीविका योजना के सफल क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं पर भी अधिकारियों से चर्चा की और उनसे योजना की व्यवहारिकता को बढ़ाने के सम्बन्ध में सुझाव लिए।  
 
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश के सभी जरूरतमंद लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं (public welfare schemes) का पूरा लाभ मिले। उन्होंने विभागीय योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए पूरी तत्परता के साथ काम करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ एवं सामुदायिक भागीदारी (community involvement) की योजनाओं के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अधिकारी जिम्मेदारी और समयबद्धता से काम करें।

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आईएवाई (IAY) एवं सीएमबीपीएल (CMBPL) आवास योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने विवादित एवं बंद पड़े आवासों की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली तथा विवादों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

बैठक में आयुक्त ईजीएस (EGS) टीना डाबी सहित ग्रामीण विकास, राजीविका एवं महात्मा गाँधी नरेगा के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। समस्त जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।