जादूगर के जंतर पर मंत्री का मंतर: धारीवाल ने दिया 'राठौड़ी' जवाब,टूट गयी 'इंसाफ' की उम्मीद!
धर्मेन्द्र राठौड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास सिपहसालार हैं। पूर्व में वे बानसूर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार उन्होंने पहले पुष्कर में चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू की। परन्तु अब राठौड़ अजमेर से तैयारियों में जुटे हैं। राठौड़ के हिसाब से ही अजमेर में अफसरों की तैनाती की गई है। इस पर मुहर लगाई है शांति
जयपुर | अजमेर के कांग्रेस के नेता बड़ी सांसत में है। इन दिनों बानसूर से विधायक बनने की जिद छोड़कर जन्म जिले में लौटे धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर में खासे कद्दावर हो गए हैं। वे पहले पुष्कर से दावा ठोक रहे थे। अब अजमेर से कांग्रेस के दावेदार बनकर मैदान में हैं।
मामला पुष्कर से पूर्व विधायक और मंत्री रहीं नसीम अख्तर इंसाफ से जुड़ा है। इसी मामले में यह साफ हुआ है कि अजमेर कांग्रेस में किसी का एकछत्र राज हैं तो वह धर्मेन्द्र राठौड़ हैं। इसे अधिकारिक रूप से पुष्ट करता है गहलोत सरकार में नम्बर दो की हैसियत से काम करने वाले मंत्री शांति धारीवाल का एक पत्र।
नसीम अख्तर इंसाफ पुष्कर से प्रत्याशी रहीं और फिलवक्त कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। उन पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला तक दर्ज होने के बाद पुष्कर में उनके कार्यकर्ता सांसत में है। इसे दर्ज करवाया है एक विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान ने।
13 जून को मामला दर्ज होने के बाद श्रीमती इंसाफ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इंसाफ की ओर से पहला पत्र नहीं लिखा गया है। अजमेर देहात के सचिव ने भी सीएम को पत्र लिखा है। इंसाफ की ओर से लगातार पत्र लिखे जाने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
अल्पसंख्यक समुदाय से होने, पूर्व मंत्री होने और विधानसभा प्रत्याशी होने के साथ ही कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष की हैसियत बयान करता है मामला। उन्होंने 10 सितम्बर 2022 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विजय सिंह चौहान बीडीओ को भाजपा समर्थक और भ्रष्ट होने का दावा करते हुए हटाने की मांग की।
यही नहीं अगले दिन 11 सितम्बर 2022 को भी अपने कांग्रेस प्रत्याशी होने का हवाला देते हुए इंसाफ ने मुख्यमंत्री को शिकायत की थी। पिछले साल अक्टूबर माह में नसीम अख्तर इंसाफ ने पंचायतराज मंत्री को एक पत्र लिखते हुए विजय सिंह चौहान को एक भ्रष्ट अफसर बताया और स्थानांतरण की मांग की थी।
इंसाफ इससे पहले भी जनवरी, फरवरी, अप्रैल व जून 2022 में भी रमेश मीणा को 4 अलग—अलग पत्र लिख चुकीं हैं। मार्च और अप्रैल में इंसाफ ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा। यही नहीं नगरपालिका ईओ अभिषेक के बदले में राजस्व अधिकारी वर्षा चौधरी को लगाए जाने की डिजायर पर कार्यवाही नहीं हुई।
इन सब पत्रों के जवाब में सबसे धाकड़ जवाब शांति धारीवाल ने दिया है। शांति धारीवाल ने अभिषेक और वर्षा चौधरी वाली डिजायर के जवाब में लिखा है कि आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को ऐतराज होने के कारण इनका पदस्थापन किया जाना सम्भव नहीं है।