आठ सौ युवाओं को दी डिग्री: दुनिया की चुनौतियों को भारत के युवाओं ने समाधान दिया है, विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय में हुए दीक्षांत समारोह में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शिरकत की। पद्म भूषण प्रो आरएस परोदा और मौसम वैज्ञानिक प्रो. लक्ष्मणसिंह राठौड़ की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में विद्यार्थियों को डिग्री वितरित की गईं। 

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जयपुर | विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय में हुए दीक्षांत समारोह में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शिरकत की। पद्म भूषण प्रो आरएस परोदा और मौसम वैज्ञानिक प्रो. लक्ष्मणसिंह राठौड़ की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में विद्यार्थियों को डिग्री वितरित की गईं।

जयपुर के जगतपुरा स्थित विवेकानंद यूनिवर्सिटी में 12 जनवरी को विवेकानंद यूनिवर्सिटी ने अपना दीक्षांत समारोह मनाया. इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.

विवेकानंद यूनिवर्सिटी के 6वें दीक्षांत समारोह में 830 छात्रों को उपाधि से सम्मानित किया गया. जिनमे कुल आठ छात्रों को पीएचडी उपाधि तथा 822 छात्रों को अन्य डिग्रियां दी गई.

प्रेसिडेंट विजयवीर सिंह ने भी सम्बोधित किया। अपने भाषण में ओम बिड़ला ने विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना करते हुए भारत के युवाओं से राष्ट्र निर्माण का आव्हान किया।

बिरला ने कहा आज स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती है। इसे हम युवा दिवस के रूप में मनाते हैं और विश्वविद्यालय के नाम से युवाओं में नया आत्मविश्वास जगता है। विश्वविद्यालय के मुख्य संरक्षक डॉक्टर के राम जी और आईएएस सेवानिवृत्त ललित के पंवार को भी इस आयोजन के लिए बधाई दी।

उन्होंने डॉक्टर के आर बगड़िया, डॉक्टर विजयवीर सिंह, प्रवीण चौधरी, अनिल बाफना समेत सभी प्रोफेसर और टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने युवाओं को उपाधि प्राप्त करके  सक्रिय दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। बिरला ने युवाओं को प्रेरित करने वाले शिक्षकों का भी आभार जताया।

उन्होंने कहा कि 17 से अधिक देशों का विद्यार्थी भी यहां अध्ययन कर रहा है इसके लिए संस्था के सभी लोगों को साधुवाद व्यक्त किया।

बिरला ने कहा कि दुनिया में चुनौतियों का समाधान करने का सवाल आया तो हमारे देश के नौजवानों ने स्टार्टअप के माध्यम से समाधान किया। आज हमें गर्व है कि 70 हजार से ज्यादा स्टार्टअप चुनौतियों के खिलाफ समाधान के रूपमें खड़े हैं।

विशाल देश की विविधता के बारे में बोलते हुए बिरला ने कहा कि देश के सामने कई चुनौतियां है। चाहे जलवायु परिवर्तन की चुनौती हो चाहे क्लीन एनर्जी की चुनौती हो। बेसिक स्तर पर जो जो भी चुनौती आई उन चुनौतियों का समाधान देने का भारत ने काम किया है।

कोरोना संकट के समय एक समय था कि हम विकसित देशों की ओर देखते थे, लेकिन हमने रिसर्च किया और दुनिया को समाधान दिया।