ओमजी का खूंटा किसके गड़ेगा: ओम माथुर ने क्यों दिया सियासी संदेश, 'कहा मैं जहां खूंटा गाड़ दूंगा, वहां मोदी भी कुछ नहीं हिला सकते क्या वाकई ऐसा है

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी खींचतान का दौर शुरू हो गया है। ओम माथुर ने नागौर के परबतसर में कहा है कि अब मैं केंद्रीय चुनाव समिति में हूं। कोई गलतफहमी मत पाल लेना। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को अब किसी से डरने की जरूरत नहीं है। मैं जहां खूंटा गाड़ दूंगा, वहां मोदी भी कुछ नहीं हिला सकते।

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जयपुर | छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने कहा है कि मैं जहां खूंटा गाड़ दूंगा वहां मोदी भी कुछ नहीं हिला सकते। माथुर का बयान राजनीतिक हलकों में चिन्तन और चिंता का विषय है। 

इन्हीं ओम माथुर के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी फीलगुड में होने के बावजूद बुरी तरह चुनाव हार गई थी। माथुर के चहेते प्रत्याशी अधिकांश जगह चुनाव हारे थे।

अब माथुर राजनीतिक रूप से कितने सक्रिय हो पाएंगे, जबकि उनका खुद का कोई जातिगत वोटबैंक राजस्थान में है नहीं। हालांकि बीजेपी में यह पहले नेता है, जिन्होंने दावा किया है कि उनका गाड़ा हुआ खूंटा मोदी भी नहीं उखाड़ सकते। मतलब बीजेपी अभी भी मोदीमय नहीं हुई है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी खींचतान का दौर शुरू हो गया है। ओम माथुर ने नागौर के परबतसर में कहा है कि अब मैं केंद्रीय चुनाव समिति में हूं। कोई गलतफहमी मत पाल लेना। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को अब किसी से डरने की जरूरत नहीं है। मैं जहां खूंटा गाड़ दूंगा, वहां मोदी भी कुछ नहीं हिला सकते। मोदी को लेकर प्रदेश में किसी नेता द्वारा सीधा आक्रमण पहली बार हुआ है। इससे अर्थ निकलता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर कुछ पक रहा है।

नागौर के परबतसर में जन-आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता ओम प्रकाश माथुर ने कहा- किसी तरह की गलतफहमी मत पाल लेना। जयपुर वाले कैसी भी लिस्ट भेजें, मैं हर गांव की एक—एक नस जानता हूं, ध्यान राखजो। कोई और गलतफहमी मत पाल लेना।

माथुर राजस्थान के नेताओं के लिए बोले- यह मेरे लाडले हैं। मुझे नमस्ते करते हैं, मुझे 4 साल से ज्यादा रहना नहीं है। मेरे होर्डिंग ज्यादा लगा दिए। इस गलतफहमी से दूर हो जाओ। कम से कम आप कार्यकर्ता तो दूर हो जाओ। पार्टी जो भी तय करे। आपको पूरी ताकत के साथ उस व्यक्ति के साथ लगना है।

"पायलट को दी लॉलीपॉप"
माथुर ने कहा- कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट को लॉलीपॉप दिया। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले काफी मेहनत की। जब कांग्रेस सत्ता में आई, तब कोई और मुख्यमंत्री बन कर बैठ गया।

वहीं अब पार्टी में बगावत का सुर बुलंद करने वाले अशोक गहलोत ही राजनीतिक संस्थान खोलने की बात कर रहे हैं। जबकि उनके लिए दिल्ली से पर्यवेक्षक आए। तब उन्होंने 90 एमएलए को होटल भेज दिया। कहा यहां आने की जरूरत नहीं वही मौज करो। अब वह लोग राजनीति सिखाएंगे।

बहुत खूबसूरत होगा मुख्यमंत्री
ओम प्रकाश माथुर ने कहा- जो भी इंसान कमल का फूल लेकर आए आपको उसे जिताना है। पार्टी का चेहरा कोई भी हो सकता है। जो भी चेहरा होगा, बहुत खूबसूरत होगा। चेहरा कौन होगा यह सिर्फ पार्लियामेंट्री बोर्ड ही तय करेगा।

किसी ने सोचा था क्या महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बनेंगे। इसलिए कौन मुख्यमंत्री बनेगा। इसकी चिंता छोड़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोर-शोर से जुट जाएं।

मायने क्या
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कई बार खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार बता चुके हैं और उसी हिसाब से तैयारी कर रहे हैं। उनके यहां पर एक अलग ही संदेश गया है। माथुर ने साफ कर दिया है कि अभी से पूनिया दावेदार नहीं है।
वसुन्धरा राजे की टीम पूरी तैयारियों में जुटी हुई है वापस से सीएम की होड़ में, माथुर का यह संदेश वहां भी अलग नजरिए से देखा जा रहा है।

हरियाण में मनोहरलाल खट्टर और महाराष्ट्र में देवेन्द्र फड़नवीस का उदाहरण देकर माथुर ने इशारा किया है कि आलाकमान किसी को भी सीएम बना सकता है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि प्रदेश में नया चेहरा ही सीएम के तौर पर लाया जाएगा। इनमें ओम माथुर, ओम बिड़ला, गजेन्द्र शेखावत, अश्विनी वैष्णव जैसे नाम आगे चल रहे हैं।