राहुल गांधी जर्मनी में बोले: RSS को शक्ति, कांग्रेस को सत्य प्यारा
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जर्मनी (Germany) के बर्लिन (Berlin) में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की आलोचना की। उन्होंने कहा कि RSS चीफ खुले तौर पर कहते हैं कि सच्चाई का कोई महत्व नहीं, शक्ति महत्वपूर्ण है। यही उनमें और कांग्रेस (Congress) में अंतर है।
JAIPUR | लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जर्मनी (Germany) के बर्लिन (Berlin) में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की आलोचना की। उन्होंने कहा कि RSS चीफ खुले तौर पर कहते हैं कि सच्चाई का कोई महत्व नहीं, शक्ति महत्वपूर्ण है। यही उनमें और कांग्रेस (Congress) में अंतर है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को बर्लिन में तीन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय, जर्मन थिंक-टैंक के नेताओं और हर्टी स्कूल के छात्रों को संबोधित किया।
अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया।
सत्य बनाम शक्ति पर राहुल का बयान
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत खुले तौर पर स्वीकार करते हैं कि सच्चाई का कोई महत्व नहीं है, बल्कि शक्ति ही सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भारत की पूरी संस्कृति सत्य पर आधारित है, और यही बात सभी धर्मों का मूल संदेश है।
राहुल ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस भारत के सत्य की रक्षा करती है, जबकि RSS की विचारधारा इससे भिन्न है।
लोकतंत्र और वैश्विक सहयोग पर विचार
जर्मनी के हर्टी स्कूल में अपनी स्पीच में, राहुल गांधी ने तेजी से बदलते वैश्विक माहौल के बीच भारत की दिशा पर अपने विचार रखे।
उन्होंने समझाया कि लोकतंत्र केवल सरकार की एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह जवाबदेही का प्रतीक है।
राहुल ने संरचनात्मक असमानताओं को दूर करने के लिए मजबूत वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।
जर्मनी में महत्वपूर्ण मुलाकातें
अपने 5 दिवसीय जर्मनी दौरे के दौरान, राहुल गांधी ने कई महत्वपूर्ण हस्तियों से मुलाकात की।
उन्होंने जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ लंच किया और वैश्विक मुद्दों, व्यापार तथा भारत-जर्मनी संबंधों पर चर्चा की।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अनुसार, राहुल ने जर्मनी के वाइस चांसलर लार्स क्लिंगबील और पर्यावरण व जलवायु संरक्षण मंत्री कार्सटन श्नाइडर से भी अलग-अलग मुलाकात की।
इन मुलाकातों ने भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।