परबतसर से पायलट का नया आगाज: सचिन पायलट ने बिगुल फूंक दिया है, देखना है 'जादूगर' कान बंद करते हैं या नया शोर सुनाएंगे

नागौर के परबतसर से यह शुरूआत हो रही है जिसमें सचिन पायलट युवा और किसान सम्मेलन के बहाने एक बार फिर से जनता के बीच हैं। कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा फिलहाल चर्चा से बाहर है और पायलट अपना हाथ लेकर जनता जनार्दन के बीच है।

जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने या बने रहने की लड़ाई में सचिन पायलट ने तो एक और बिगुल फूंक दिया है। अब देखना है कि राजनीतिक जादूगरी के शहंशाह होने के एकमात्र दावेदार अशोक गहलोत क्या जादू दिखाते हैं।

नागौर के परबतसर से यह शुरूआत हो रही है जिसमें सचिन पायलट युवा और किसान सम्मेलन के बहाने एक बार फिर से जनता के बीच हैं। कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा फिलहाल चर्चा से बाहर है और पायलट अपना हाथ लेकर जनता जनार्दन के बीच है।

कहा तो यह भी जा रहा है कि पायलट के अनुसार अब यदि पार्टी फैसला नहीं करेगी तो वह अपना हाथ किसी और दल को भी थमा सकते हैं। पायलट परबतसर में किसान सम्मेलन के बाद शाम पांच बजे खरनाल स्थित वीर तेजाजी मंदिर में दर्शन भी करेंगे।

इसके अगले दिन पायलट बीकानेर का रुख करेंगे। वहां पर सुबह आठ बजे कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर पायलट दोपहर 12 बजे हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में रैली करेंगे। शाम को अमरपुरा थेड़ी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में भी दर्शन करेंगे।

शाम छह बजे कार्यकर्ता और जनता से हनुमानगढ़ में रूबरू होंगे। इन दो जिलों के बाद पायलट का शेखावाटी में भी जाने का कार्यक्रम है। पायलट के इन कदमों से साफ है कि वह अब इंतजार करने के मूड में नहीं है।

यह यात्रा शुरू करने से पहले सचिन पायलट ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी। पायलट का यह इवेंट कांग्रेस का कार्यक्रम तो कतई नहीं है। क्योंकि इस रैली में भीड़ लाने के लिए कांग्रेस और सरकार पायलट की मदद में कतई नहीं है।

पायलट समर्थक विधायकों का दावा है कि अप्रत्याशित भीड़ इस रैली में आएगी। ऐसे में पायलट का यह राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन पायलट को क्या सत्ता दिला पाएगा। या फिर कांग्रेस का चेहरा फिर से बनने के लिए पायलट की कोशिश कामयाब होगी। यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन सबकी नजरें अब अशोक गहलोत के अगले दावं पर है।