सिरोही: मृत मान चुके थे परिवार वाले, लेकिन ज़िंदा लौटे नगीना साहनी
राजस्थान (Rajasthan) के सिरोही (Sirohi) जिले से एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 15 साल पहले बिछड़े नगीना साहनी (Nagina Sahni) अपने घर लौट आए हैं। परिवार ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। यह चमत्कार जिगर रावल (Jigar Rawal) की मानव सेवा के कारण संभव हुआ।
सिरोही | राजस्थान (Rajasthan) के सिरोही (Sirohi) जिले से एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 15 साल पहले बिछड़े नगीना साहनी (Nagina Sahni) अपने घर लौट आए हैं। परिवार ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। यह चमत्कार जिगर रावल (Jigar Rawal) की मानव सेवा के कारण संभव हुआ।
एक अविश्वसनीय कहानी
यह घटना सिरोही जिले से सामने आई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
15 साल पहले परिवार से बिछड़ा एक व्यक्ति आखिरकार अपने घर लौट आया है।
हैरानी की बात यह है कि परिवार ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
यह चमत्कार जिगर रावल की मानव सेवा और जज्बे की बदौलत संभव हुआ है।
कैसे शुरू हुई यह कहानी?
जानकारी के अनुसार, 62 वर्षीय नगीना साहनी बिहार के रहने वाले हैं।
15 साल पहले वह अपने परिवार के साथ कोलकाता के बाबू घाट पर गंगा स्नान के लिए गए थे।
वहां अचानक वह अपने परिवार से बिछड़ गए थे।
उनके दो बेटों और तीन बेटियों ने 10 साल तक उनकी तलाश की थी।
कोई सुराग नहीं मिलने पर परिवार ने हारकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया था।
नगीना की पत्नी ने मंगलसूत्र उतार दिया था और बच्चे निराश हो गए थे।
गांव वालों ने भी उन्हें भूलना शुरू कर दिया था।
जिगर रावल: एक उम्मीद की किरण
इस कहानी का असली नायक जिगर रावल हैं, जो सिरोही के पिंडवाड़ा तहसील के जनापुर गांव के निवासी हैं।
जिगर ने मानव सेवा को अपना जीवन बना लिया है।
पहले वे सूरत में जरूरतमंदों की मदद करते थे और अब अपनी जन्मभूमि मारवाड़ में यह नेक काम कर रहे हैं।
उन्होंने सरूपगंज में मानव सेवा आश्रम शुरू किया है।
इस आश्रम में वे बिछड़े लोगों को उनके परिवारों से मिलवाते हैं।
पिछले 5 महीनों में जिगर ने 10 लोगों को उनके अपनों से मिलवाया है।
नगीना की घर वापसी
जिगर की मेहनत और लगन से नगीना साहनी को उनके परिवार से मिलवाया गया।
15 साल बाद जब नगीना अपने घर लौटे, तो परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
यह पुनर्मिलन न केवल नगीना और उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे सिरोही के लिए प्रेरणा है।
जिगर रावल का यह प्रयास साबित करता है कि मानवता और सेवा की भावना से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।