Sanchore Rajasthan: सुखराम विश्नोई ने कहा, सांचौर को जिला बनाए रखना प्राथमिकता
पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सांचौर जिले का स्टेटस किसी भी हालत में खत्म नहीं होने देंगे sukhram bishnoi on sanchore district status
जयपुर: सांचौर जिले के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह सांचौर जिले का स्टेटस किसी भी हालत में खत्म नहीं होने देंगे। जयपुर में थिंक 360 के प्रदीप बीदावत के साथ संवाद करते हुए उन्होंने सांचौर को जिला बनाए रखने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि की।
सुखराम विश्नोई, जो सांचौर से दो बार विधायक रह चुके हैं और पिछली गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे हैं, ने इस जिले को जिला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने हालिया बयान में कहा, "सांचौर जिले को जिला बनाए रखने की मांग पूरी तरह से न्यायसंगत है। यह जिले के लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे वापस जालोर जिले में शामिल करना उनके साथ अन्याय होगा।"
इस बातचीत में विश्नोई ने सांचौर को जिला बनाए जाने के पीछे की राजनीति, खुद के चुनाव और वैभव गहलोत—अशोक गहलोत की पॉलिटिक्स पर भी रायशुमारी की। सुखराम विश्नोई ने कहा कि सांचौर पूरे मानदण्ड रखता है एक जिला होने के और उसी आधार पर जिला तय किया गया था। जालोर जब जिला था तब सांचौर के लोग बहुत परेशान होते थे। अब सुविधा मिलने लगी है। ऐसे में यह लोगों के साथ अन्याय होगा कि राज्य सरकार सांचौर जिले का स्टेटस खत्म करे।
हालांकि सांचौर को जिला बनाए जाने के बावजूद सुखराम विश्नोई और अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के चुनावी प्रयास सफल नहीं रहे, लेकिन विश्नोई का कहना है कि यह जिले की प्रगति और स्थानीय लोगों की सुविधाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
थिंक 360 के पॉडकास्ट में प्रदीप बीदावत के साथ बातचीत के दौरान, सुखराम विश्नोई ने इस मुद्दे पर अपनी विस्तृत राय व्यक्त की। उन्होंने बताया कि सांचौर को जिला बनाए जाने के पीछे की राजनीति, उनके चुनावी संघर्ष, और गहलोत परिवार की राजनीतिक रणनीति पर भी चर्चा की। विश्नोई ने जोर देते हुए कहा कि "सांचौर में जिला बनने के बाद से लोगों को कई सुविधाएँ मिली हैं, और इसे खत्म करना न केवल एक राजनीतिक गलती होगी बल्कि यह स्थानीय जनता के प्रति अन्याय भी होगा।"
सुखराम विश्नोई और प्रदीप बीदावत के बीच इस महत्वपूर्ण चर्चा को आप थिंक 360 के वीडियो में देख सकते हैं, जो इस मुद्दे की गहराई को समझने में मदद करेगा।
सांचौर जिले की स्थिति को लेकर जारी इस विवाद ने स्थानीय राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है, और भविष्य में इसके परिणाम क्या होंगे, यह देखने की बात होगी।