वसुंधरा को साधा जाएगा : राजस्थान भाजपा में अब होगा बड़ा फेरबदल, वसुंधरा राजे की दिल्ली में हुई मीटिंग

राजस्थान भाजपा में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दो या तीन दिन में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है. इस तरह के बदलाव के संकेत कुछ दिन पहले प्रदेश भाजपा चीफ सीपी जोशी ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए थे.

vasundhara raje and cp joshi
राजस्थान भाजपा में अब होगा बड़ा फेरबदल, वसुंधरा राजे की दिल्ली में हुई मीटिंग

राजस्थान भाजपा में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दो या तीन दिन में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है. इस तरह के बदलाव के संकेत कुछ दिन पहले प्रदेश भाजपा चीफ सीपी जोशी ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए थे. 

अब खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दिल्ली में भाजपा नेताओ से एक मुलाक़ात हुई जिसके बाद अब राजस्थान में प्रदेश भाजपा में बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू हो चुकी है. सामने आई जानकारी के मुताबिक वसुंधरा राजे की दिल्ली में राजस्थान भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और बीएल संतोष से दिल्ली में मुलाक़ात हुई. 

इस ख़ास बैठक में वसुंधरा राजे के साथ इन नेताओं की राजस्थान में संगठन विस्तार पर चर्चा हुई. अब खबर आ रही है कि राजे की सहमति के बाद एक दो दिन में सीपी जोशी की टीम में फेरबदल हो सकता है. 

राजस्थान भाजपा में यह बदलाव प्रदेश में छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया जा रहा है. और गुटबाजी से बचने के लिए भाजपा राजस्थान के सभी धड़ों को साधना चाहती है. 

जाट ब्राह्मण और राजपूतों को साधने की कोशिश 

राजस्थान में कमल खिलाने के लिए भाजपा संघठन के स्तर पर ब्राह्मण जाट और राजपूत सोशल इंजीनियरिंग पर काम कर रही है. ऐसे में संभावना बन रही है कि इन कास्ट के चेहरों को सीपी जोशी की नई टीम में जगह मिल सकती है. इसके साथ ही संगठन के अलावा सत्ता में भी बड़ा फेरबदल हो सकता है. 

कुछ चेहरे सत्ता से संगठन में आ सकते हैं और कुछ को संगठन से सत्ता मे शामिल किया जा सकता है. खबर है कि राजसमन्द से भाजपा सांसद दिया कुमारी को मोदी मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है साथ ही ब्राह्मण चेहरों में घनश्याम तिवारी के नाम पर लगातार चर्चा है. 

चूरू सांसद राहुल कस्वा को लेकर भी संभावना है कि जाट चेहरे के तौर पर उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. इसके अलावा भरतपुर सांसद रंजीता कोली को आगे कर भाजपा दलितों को साध सकती है. 

वसुंधरा राजे की सहमती से होगा फैसला 

भाजपा की चुनाव से पहले इस तरह की कोशिश हैं कि नेताओं की आपसी गुटबाजी और मनमुटाव के माहौल से बचा जाए. वसुंधरा राजे को लेकर अभी भी एक सवाल यह बना हुआ है कि आने वाले चुनाव में उनकी क्या भूमिका होने वाली है. 

लेकिन संगठन विस्तार से पहले वसुंधरा राजे से चर्चा करना कही ना कही इस बात का संकेत है कि भाजपा फिलहाल कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है. और वसुंधरा राजे को फिर से साधने की कोशिश की जा रही है.