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सीएम गहलोत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह हाईवे जाम नहीं करें, सरकार उनसे बातचीत को तैयार है। सीएम साब ने कहा कि आंदोलन बंद कर लोग हमारे मंत्री टीकाराम जूली से वार्ता करें, मैं खुद भी बातचीत को तैयार हूं।
जयपुर | विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक बार फिर से आरक्षण की मांग को लेकर सुलगे राजस्थान ने अशोक गहलोत की सरकार को मुसीबत में डाल दिया है।
आरक्षण की मांग को लेकर माली, कुशवाहा, मौर्य समाज के लोगों ने तीन दिन से भरतपुर-आगरा नेशनल हाईवे जाम कर रखा है।
भरतपुर में किए जा रहे इस आंदोलन के अब और उग्र होने की संभावनाओं के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत को तैयार होती दिख रही है।
इसी बीच सीएम गहलोत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह हाईवे जाम नहीं करें, सरकार उनसे बातचीत को तैयार है।
सोमवार को सीएम गहलोत ने ये बड़ा बयान तब दिया जब वे ’महंगाई राहत कैंप’ का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि आरक्षण की मांग को लेकर माली, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने भरतपुर-आगरा नेशनल हाईवे जाम कर रखा है।
उन्हें हाईवे जाम नहीं करना चाहिए। सरकार उनसे वार्ता के तैयार है। हमारी सरकार सभी वर्गों के साथ हैं और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
मैं खुद बातचीत को तैयार
इसी के साथ सीएम साब ने कहा कि आंदोलन बंद कर लोग हमारे मंत्री टीकाराम जूली से वार्ता करें, मैं खुद भी बातचीत को तैयार हूं।
गौरतलब है कि, पिछले तीन दिनों से माली, कुशवाहा और मौर्य समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के अरौंदा गांव के पास हाइवे पर बैठे हैं।
आंदोलन स्थल पर महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर बैठी हुई हैं। आगरा-बीकानेर हाईवे पर आंदोलनकारियों ने पूरी तरह से कब्जा कर रखा है।
जिसके चलते जिला प्रशासन ने यहां कई इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है। ऐसे में नदबई, वैर और भुसावर में इंटरनेट सेवाएं बंद है।
समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि, मांगों को लेकर पहले से ही 21 अप्रेल को ही हाईवे जाम की चेतावनी दे दी गई थी। जिसे सरकार ने हल्के में लिया और कोई ध्यान नहीं दिया।