UGPF की सौर ऊर्जा पहल, ग्रामीण सशक्तिकरण: UGPF की सौर ऊर्जा परियोजनाएं: ग्रामीण विकास और रोजगार का नया मॉडल

यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (United Global Peace Foundation - UGPF) ने सौर ऊर्जा आधारित ग्रामीण सशक्तिकरण और सतत विकास (sustainable development) के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) और प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) को दो परियोजनाएं भेजी हैं, जिनका उद्देश्य रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण है।

Meghraj Singh Royal Address Press Conf in Bikaner

बीकानेर | यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (United Global Peace Foundation - UGPF) ने सौर ऊर्जा आधारित ग्रामीण सशक्तिकरण और सतत विकास (sustainable development) के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) और प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) को दो परियोजनाएं भेजी हैं, जिनका उद्देश्य रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण है।

यूजीपीएफ की नई पहल: सौर ऊर्जा से ग्रामीण सशक्तिकरण

यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (UGPF) ने ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की हैं।

संगठन के चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल ने बीकानेर में आयोजित प्रेस वार्ता में इन परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि दो प्रमुख प्रोजेक्ट नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे जा रहे हैं, जो राजस्थान सहित देशभर में रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास और सतत ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देंगे।

रॉयल ने रोजगार और पर्यावरण संरक्षण को सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।

सौर ऊर्जा परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं

प्रस्तावित सौर ऊर्जा परियोजनाओं में चार एकड़ में एक मेगावाट का सोलर पार्क लगाने का प्रावधान है।

इसके साथ ही, कम से कम दो एकड़ जमीन पर्यावरण के लिए अतिरिक्त देकर वहां पर्यावरण पार्क विकसित किया जाएगा।

इन पर्यावरण पार्कों में पेड़ लगाने, तालाब, ओरण-गोचर और पर्यावरण के तमाम घटकों को सम्मिलित किया जाएगा।

रॉयल ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक स्थानीय किसानों और स्थानीय लोगों को सीधा फायदा नहीं होगा, तब तक बड़ी कंपनियों से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।

उन्होंने सुझाव दिया कि यदि कंपनियों को छह हजार की दर से जमीन दी गई है, तो यह काम स्थानीय लोगों को ही दिया जाना चाहिए।

पवन ऊर्जा उत्पादन में खाली पड़ी जमीनों को भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में उपयोग करने का प्रस्ताव है।

यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी और राजस्थान की कायापलट करने की क्षमता रखती है।

इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 45 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

रॉयल ने जयपुर के धुन प्रोजेक्ट और सूर्यागढ़ के सोलर प्लांट का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें साथ मिलकर ही यह करना होगा और सरकार को यह बात समझानी होगी कि बिना स्थानीय लोगों के विकास के सतत विकास नहीं हो सकेगा।

आतिथ्य प्रबंधन में रोजगार के अवसर

मेघराज सिंह रॉयल ने आतिथ्य प्रबंधन क्षेत्र में युवाओं के लिए एक नई अप्रेंटिसशिप परियोजना की भी जानकारी दी।

इस परियोजना के तहत, एक युवा को दस हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी और गुणवत्तापूर्ण रहने-खाने की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

पहले चरण में सौ युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है।

उनकी अप्रेंटिसशिप पूरी होने पर फाउण्डेशन की ओर से उसे पांच लाख चालीस हजार रुपए एकमुश्त दिए जाएंगे।

यूजीपीएफ ने इस संबंध में सरकार को एक प्रोजेक्ट भी दिया है, जिसमें तमाम फोर और फाइव स्टार होटल्स में इसी तरह युवाओं को काम सिखाने और पैसा देने की अनिवार्यता लागू करने का आग्रह किया गया है।

सरकार से इसमें खुद भी सहयोग करने की अपील की गई है।

रॉयल ने बताया कि यदि एक साल में एक लाख युवा इस क्षेत्र में विदेश में काम करते हैं, तो भारत में विदेशी पूंजीगत आय में प्रतिवर्ष 36 अरब से अधिक की वृद्धि होगी।

सूर्यागढ़ और नरेन्द्र भवन होटल्स में यह काम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यूजीपीएफ ने शुरू कर दिया है।

वसुधैव कुटुम्बकम् से सतत विकास तक

यूजीपीएफ के प्रधान सलाहकार विक्रांत सिंह तोमर ने संगठन के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।

उन्होंने बताया कि यूजीपीएफ का उद्देश्य भारत के प्राचीन दर्शन “वसुधैव कुटुम्बकम्” को आधुनिक “सस्टेनेबल डेवलपमेंट” मॉडल से जोड़ना है।

यह पहल केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र ग्रामीण पुनर्निर्माण आंदोलन है।

इस आंदोलन में रोजगार, शिक्षा, पर्यावरण और संस्कृति — इन चारों स्तंभों पर एक साथ कार्य किया जा रहा है।

एचआर-सीएसआर सम्मेलन के निष्कर्ष

निदेशक शक्तिसिंह बांदीकुई ने “सर्वे भवंतु सुखिनः” एचआर-सीएसआर सम्मेलन के निष्कर्ष साझा किए।

उन्होंने बताया कि यूजीपीएफ इस प्रस्ताव के पायलट प्रोजेक्ट पर पहले से ही काम कर रहा है।

इस अवसर पर निदेशक ब्रिगेडियर जितेन्द्र सिंह शेखावत (निदेशक), के.के. बोहरा (मीडिया सलाहकार) और मुकेश मेघवंशी (प्रबंधक) भी उपस्थित रहे।