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- अब जयपुर नगर निगम के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए पांच लोगों की आईडी देना अनिवार्य है। 
- पांच लोगों की आईडी देने के बाद ही किसी भी शव का अंतिम संस्कार करने, या दफनाने की अनुमति होगी।
जयपुर | प्रदेश की राजधानी जयपुर में अब कोई भी मोक्षधाम या कब्रिस्तान जाकर आसानी से अंतिम संस्कार नहीं कर सकेगा, क्योंकि मोनालिसा ने सभी नियम-कायदों को बदलवा दिया!
आप भी चौंक गए होंगे कि, ये मोनालिसा है कौन और इनकी वजह से अंतिम संस्कार के नियम में क्या बदलाव हो गया।
दरअसल, अब जयपुर नगर निगम के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए पांच लोगों की आईडी देना अनिवार्य है।
पांच लोगों की आईडी देने के बाद ही किसी भी शव का अंतिम संस्कार करने, या दफनाने की अनुमति होगी।
जयपुर कलक्टर ने जयपुर के दोनों निगम आयुक्तों को निर्देश दिए कि मोक्षधाम, कब्रिस्तान और ग्रेवयार्ड में अंतिम संस्कार करने के लिए अब पांच लोगों को आईडी देनी होगी।
इससे पहले तक दो लोगों की उपस्थिति को गवाह के तौर पर मान्यता थी।
क्यों बदले गए अंतिम संस्कार के नियम?
जयपुर नगर निगम ने राजधानी में अंतिम संस्कार के कई सालों से चले आ रहे नियमों को क्यों बदल दिया। इसके पीछे एक बड़ी घटना का होना है।
इस घटना में मोनालिसा नाम की एक महिला की मुख्य भूमिका रही है।
दरअसल, जयपुर में फरवरी 2021 में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पुलिस तक को परेशानी में डाल दिया।
जयपुर के अजमेर रोड स्थित ओमेक्स सिटी में एक शख्स ने मर्डर का ऐसा खेल खेला जिसका पता चलने पर सभी हैरान थे।
बीकानेर की रहने वाली महिला मोनालिसा को अपने प्यार में फंसाकर भवानी सिंह नाम के युवक ने उससे शादी कर ली और बाद में उसकी हत्या कर उसका सोडाला के पास मौजूद श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार भी कर दिया।
जब आरोपी भवानी सिंह ने मोनालिसा की हत्या की उस समय पूरे देश में कोरोना काल चल रहा था। ऐसे में उसने इस समय का फायदा उठाते हुए चुपचाप से मोनालिसा का अंतिम संस्कार कर दिया।
कैसे खुला राज?
अपनी बेटी से बात नहीं हो पाने के चलते उसके परिवार को जब चिंता हुई तो उन्हें भवानी सिंह पर संदेह हुआ।
ऐसे में बीकानेर एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद मोनालिसा के परिजन डीजीपी से मिले और जयपुर के बगरू थाना पुलिस जांच की जांच में सामने आया कि, जिस श्मशान घाट पर मोनालिसा का अंतिम संस्कार किए जाने की जानकारी सामने आई वहां तो इसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं पाया गया।
इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा आगे बढ़ाया तो मोनालिसा की हत्या का राज खुला और आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस जांच में खुलासे हुए कि मोनालिसा के नाम बीकानेर में करोड़ों की जमीन थी और भवानी सिंह ने उसकी संपत्तिे के लालच में ही पहले मोनालिसा से दोस्ती कर उसे अपने प्यार के जाल में फंसाया और उसे बीकानेर से जयपुर में बुला लिया कुछ समय लिव-इन-रिलेशन रहने के बाद दोनों ने शादी कर ली।
ऐसे उतारा मौत के घाट
आरोपी भवानी सिंह बड़ा ही शातिर दिमाग था। उसने कोरोना काल का फायदा उठाकर मोनालिसा को मारने का प्लान बनाया और फरवरी 2021 में मोनालिसा को दूध में नींद की गोलियों की ओवरडोज देकर उसे सुला दिया।
इसके बाद आरोपी ने तकिए से उसका मुंह दबा दिया। जिससे दम घुटने से मोनालिसा की मौत हो गई।
जयपुर में हुए इस मोनालिसा हत्याकांड के बाद एसपी अमित कुमार ने जयपुर नगर निगम से मृतकों और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 5 लोगों का रिकॉर्ड रखने का आग्रह किया।
जिसके बाद से जयपुर नगर निगम ने नए आदेश जारी करते हुए ये बड़ा कदम उठाया।
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