जयपुर में होगा "क्षत्राणी समागम": मीरांबाई-हाड़ी रानी, बाला सतीजी के आदर्शों को किया जाएगा नमन
युवा शक्ति संयोजन की ओर से 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार को जयपुर के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब स्थित पृथ्वीराज चौहान सभागार में “क्षत्राणी समागम” का आयोजन किया जाएगा।
जयपुर, 10 सितम्बर | युवा शक्ति संयोजन की ओर से 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार को जयपुर के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब स्थित पृथ्वीराज चौहान सभागार में “क्षत्राणी समागम” का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम दोपहर 3:15 बजे से प्रारंभ होगा और इसे मातृत्व, त्याग, तपस्या और बलिदान को समर्पित किया गया है।
युवा शक्ति संयोजन के मुख्य ध्वजवाहक शक्ति सिंह बांदीकुई ने बताया कि यह समागम केवल एक सांस्कृतिक आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह एक जागरूकता यज्ञ है। इसके माध्यम से समाज को उन अमर गाथाओं की याद दिलाई जाएगी, जिन्होंने अपने त्याग और तपस्या से इतिहास रचा।
वीरांगनाओं के जीवन से मिलेगी प्रेरणा
कार्यक्रम में विशेष रूप से तीन ऐतिहासिक विभूतियों को नमन किया जाएगा –
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मीरा बाईसा – भक्ति और समर्पण की प्रतिमूर्ति, जिन्होंने सामाजिक बंधनों से ऊपर उठकर अपने जीवन को श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित किया। उनकी आध्यात्मिक साधना और त्याग आज भी समाज को भक्ति और आस्था की शक्ति का संदेश देते हैं।
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हाड़ी रानी सहल कंवर जी – अदम्य साहस और बलिदान का प्रतीक, जिन्होंने पति के युद्धभूमि जाते समय अपना सिर काटकर वीरता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना। उनका त्याग क्षत्राणी धर्म की सर्वोच्च मिसाल माना जाता है।
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बाला सतीजी बापजी – तपस्या और आत्मबल की महान विभूति, जिन्होंने अपने जीवन को धर्म, मर्यादा और सामाजिक चेतना के लिए समर्पित किया। उनकी जीवनगाथा स्त्री शक्ति और आत्मसंयम का अद्वितीय उदाहरण है।
उद्देश्य – क्षात्रधर्म की गौरवगाथा को आगे बढ़ाना
समागम का उद्देश्य इन वीरांगनाओं के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना है ताकि वर्तमान समाज में क्षात्रधर्म के केसरिया को फिर से गौरव और बुलंदी से फहराया जा सके। आयोजकों का मानना है कि इन प्रेरणादायी चरित्रों की गाथा सुनकर नई पीढ़ी मातृत्व, त्याग और बलिदान जैसे मूल्यों से जुड़ सकेगी।