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बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी। राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।
जयपुर | कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार राहुल गांधी को दो दिन में दो जोरदार झटके लगे हैं।
विवादित टिप्पणी को लेकर गुरूवार को दो साल की सजा के बाद अब उनकी संसद सदस्यता भी रद्द हो गई है।
शुक्रवार यानि आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की जानकारी दी।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद पूरे देश में कांग्रेस नेताओं में जमकर आक्रोश दिखाई दे रहा है।
जयपुर समेत देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। कांग्रेस ने कहा कि वे सियासी और कानूनी दोनों लड़ाई लड़ेंगे।
जयपुर में कांग्रेस ने सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन किया। एनएसयूआई ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका।
राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के सबसे सीनियर नेताओं में शुमार अशोक गहलोत ने भी नाराजगी जताते हुए केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है।
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार को तानाशाही की सरकार बताते हुए कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है।
बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी।
राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।
श्री राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। श्री राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 24, 2023
भाजपा उठा रही दमनकारी कदम
राजस्थान सीएम गहलोत यहीं चुप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया।
इन पर ध्यान देने के बजाए भाजपा सरकार राहुल गांधी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है।
हमें ये समझ नहीं आ रहा है कि भाजपा सरकार नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे बेईमानों के समर्थन में क्यों खड़ी हो रही है?
मेरा मानना है कि राहुल जी की सदस्यता रद्द करने जैसी कार्रवाई के लिए जनता भाजपा सरकार को बख्शेगी नहीं। pic.twitter.com/hGpJCBub98
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 24, 2023
आपको बताना चाहेंगे कि, इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को भी एक विवादित टिप्पणी के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।
रामपुर की एक अदालत ने उन्हें साल 2019 में विवादित टिप्पणी मामले में दोषी ठहराया था और 3 साल की सज़ा सुनाई थी।
इसी तरह से आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हुई थी। उन्होंने चुनाव लड़ते समय अपनी उम्र अधिक बताते हुए गलत शपथपत्र दिया था। जिसमें उन्हें दोषी पाए जाने पर सजा का ऐलान हुआ और सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।