आबू पर्वत: पूर्व पार्षद का अवैध निर्माण, प्रशासन मौन: आबू पर्वत में पूर्व कांग्रेस पार्षद ने सरकारी नाले पर बनाया होटल, प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
आबू पर्वत के मोहनपुरा में पूर्व कांग्रेस पार्षद तस्लीम पर सरकारी नाले पर अवैध निर्माण कर होटल चलाने का आरोप लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
मोहनपुरा (आबू पर्वत)। आबू पर्वत के मोहनपुरा में गोमुख रोड पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पूर्व कांग्रेस पार्षद तस्लीम पर सरकारी नाले को रोककर अवैध निर्माण करने और उस पर होटल चलाने का आरोप लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब लंबे समय से चल रहा है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस पार्षद तस्लीम ने अपने पार्षद पद पर रहते हुए गोमुख रोड मोहनपुरा क्षेत्र में सरकारी नाले के ऊपर ही पांच कमरे बना डाले। इतना ही नहीं, इन कमरों में अब होटल का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। लोगों का आरोप है कि यह निर्माण बिना किसी सरकारी अनुमोदन के किया गया है, यानी यह पूरी तरह से अवैध है।
प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह अवैध निर्माण कई सालों से जारी है। हाल ही में, पूर्व पार्षद द्वारा एक और अवैध केबिन का निर्माण भी कराया जा रहा है। लोगों ने इसकी लिखित और मौखिक शिकायत उपखण्ड अधिकारी और नगर पालिका प्रशासन को दी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे क्षेत्रवासियों में काफी नाराजगी है।
क्षेत्रवासियों का आरोप है कि प्रशासन शायद पूर्व पार्षद के दबाव या प्रभाव में है, जिसकी वजह से जानबूझकर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि इस तरह का अवैध निर्माण न केवल सड़क की सुंदरता को खराब कर रहा है, बल्कि सार्वजनिक सुविधाओं, यातायात व्यवस्था और नाले की सफाई पर भी बुरा असर डाल रहा है।
तस्वीरें भी हैं सबूत
लोगों ने बताया कि उनके पास इस अवैध निर्माण से पहले और अब की तस्वीरें भी मौजूद हैं। इन तस्वीरों से साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक सामान्य मकान को बदलकर होटल और केबिन में तब्दील कर दिया गया है। यह तस्वीरें प्रशासन के दावों की पोल खोलती हैं।
सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से तुरंत इस अवैध निर्माण को हटाने और जिम्मेदार पूर्व कांग्रेस पार्षद पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसा करने से भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध निर्माण करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कब तक चुप्पी साधे रहता है और कब कार्रवाई करता है।