Sirohi Rajasthan: आबूरोड़: औद्योगिक इकाई में मज़दूर की हालत गंभीर, वेंटिलेटर पर
आबूरोड़ (Abu Road) की तलेटी (Taleti) स्थित एक औद्योगिक इकाई में काम के दौरान श्रमिक कालूराम (Kaluram) की तबियत अचानक बिगड़ने से अफरा-तफरी मच गई। उन्हें तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने उनकी हालत गंभीर बताकर वेंटिलेटर पर रखा है। परिजनों ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
आबूरोड़: तलेटी स्थित एक औद्योगिक इकाई में काम के दौरान श्रमिक कालूराम की तबियत अचानक बिगड़ने से अफरा-तफरी मच गई। उन्हें तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने उनकी हालत गंभीर बताकर वेंटिलेटर पर रखा है। परिजनों ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार, कालूराम नामक यह श्रमिक लंबे समय से कंपनी में कार्यरत है और अपनी मेहनत से परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। सोमवार को ड्यूटी के दौरान वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़े, जिससे साथी मजदूरों में हड़कंप मच गया और तत्काल सहायता की आवश्यकता महसूस हुई।
साथी मजदूरों ने मानवीयता दिखाते हुए बिना देर किए कालूराम को पास के एक निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद उनकी हालत को बेहद गंभीर बताया और तुरंत जीवन रक्षक प्रणाली, वेंटिलेटर पर रखने का फैसला किया ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
कंपनी प्रबंधन पर उदासीनता का आरोप
कालूराम के परिजनों ने औद्योगिक इकाई प्रबंधन पर घोर उदासीनता और संवेदनहीनता का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कालूराम आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है और उसके परिवार की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है, ऐसे में कंपनी का सहयोग उनके लिए जीवनरेखा समान था।
परिजनों ने बताया कि घटना के इतने घंटे बीत जाने के बावजूद, औद्योगिक इकाई की ओर से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या प्रतिनिधि ने अस्पताल पहुंचकर कालूराम का हाल नहीं जाना। न ही कंपनी द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक सहायता, जो इस आपातकालीन स्थिति में बेहद आवश्यक थी, उपलब्ध करवाई गई है।
परिवार का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने इस पूरे संवेदनशील मामले को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है। घायल श्रमिक को उसकी गंभीर हालत में भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है, जिससे परिवार की चिंता और निराशा लगातार बढ़ती जा रही है।
इलाज में कथित लापरवाही और भविष्य की चिंता
परिजनों ने यह भी दावा किया है कि निजी अस्पताल में कालूराम के इलाज में लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। इस स्थिति से परिवार में गहरा रोष और बेचैनी है, क्योंकि उन्हें अपने प्रियजन के जीवन को लेकर भय सता रहा है।
परिवार अब इस पूरे मामले को स्थानीय प्रशासन और श्रम विभाग के संज्ञान में लाने की तैयारी कर रहा है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन के हस्तक्षेप से कालूराम को उचित और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल पाएगा और कंपनी को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा।
यह घटना औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों की सुरक्षा और उनके कल्याण के प्रति प्रबंधन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है। परिजनों की मांग है कि कालूराम को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।