अमायरा सुसाइड: CCTV में दिखा सच: अमायरा सुसाइड: माता-पिता ने CCTV में देखा सच, 35 मिनट तक मजाक उड़ाया
जयपुर (Jaipur) के नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा (Amaira) के माता-पिता ने CCTV फुटेज में चौंकाने वाला सच देखा। उन्होंने दावा किया कि क्लास में 35 मिनट तक बच्चों ने उनकी बेटी का मजाक उड़ाया, और 5 बार शिकायत करने पर भी शिक्षकों (teachers) ने नहीं सुना।
जयपुर: जयपुर (Jaipur) के नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा (Amaira) के माता-पिता ने CCTV फुटेज में चौंकाने वाला सच देखा। उन्होंने दावा किया कि क्लास में 35 मिनट तक बच्चों ने उनकी बेटी का मजाक उड़ाया, और 5 बार शिकायत करने पर भी शिक्षकों (teachers) ने नहीं सुना।
CCTV में माता-पिता ने देखा क्या?
नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा ने सुसाइड कर लिया था। पुलिस अभी तक इस मामले का खुलासा नहीं कर पाई है। सुसाइड से पहले का हर घटनाक्रम क्लासरूम में लगे CCTV कैमरों में कैद है। पुलिस से गुहार लगाने के बाद अमायरा के माता-पिता को पूरे फुटेज दिखाए गए।
फुटेज देखने के बाद अमायरा की मां शिवानी फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने दावा किया कि क्लासरूम में दो शिक्षिकाएं मौजूद थीं, जिनकी उपस्थिति में कई छात्र लगभग 35 मिनट तक उनकी बेटी का मजाक उड़ाते हुए दिखाई दिए।
शिक्षकों की अनदेखी: 5 बार शिकायत, फिर भी नहीं सुनी
शिवानी ने बताया कि इस उत्पीड़न से परेशान होकर उनकी बेटी 5 बार शिकायत करने के लिए शिक्षकों के पास जाती हुई दिखाई दी। लेकिन एक बार भी उसकी शिकायत नहीं सुनी गई, बल्कि उसे ही डांटा गया। इसी निराशा के कारण अमायरा क्लासरूम से बाहर निकली और कूद गई।
मां शिवानी ने बुलिंग को ही अमायरा के इस कदम का कारण बताया। उन्होंने कहा कि उस दिन उसे बहुत ज्यादा परेशान किया गया। CCTV फुटेज में दिख रहा है कि आखिरी आधे घंटे (11.50 से 12.25 बजे के बीच) में वह अपनी सीट पर बैठ भी नहीं पा रही थी, उसे बार-बार बुली किया जा रहा था।
शिवानी ने आगे कहा कि अमायरा बार-बार शिक्षिका के पास जा रही थी, लेकिन मैडम उसे भगा रही थीं। वह हाथ जोड़ते हुए भी CCTV में दिखाई दे रही है। दो शिक्षिकाएं होने के बावजूद किसी ने उसे अपने पास नहीं बुलाया। अमायरा ने बहुत संघर्ष किया, लेकिन शिक्षिका ने उसकी एक बार भी नहीं सुनी।
क्लासरूम में बुलिंग का पूरा घटनाक्रम
अमायरा के पिता विजय ने उस दिन क्लास में मौजूद शिक्षिका के साथ सारे CCTV फुटेज देखे। उन्होंने अमायरा के क्लास में घुसने से लेकर बाहर आने तक, हर एक सेकंड को बारीकी से देखा। शुरुआत में सब सामान्य था: अमायरा दोस्तों के साथ हंसती-खेलती, शिक्षिका हेलोवीन के बारे में बताती और जन्मदिन मनाते बच्चे। डांस क्लास के बाद अमायरा वापस क्लास में आ जाती है।
करीब 11 से 11:15 बजे के बीच, अमायरा अपनी बेंच पर बैठी थी। उसके आगे बैठे एक लड़के के पास एक इलेक्ट्रिक ड्राइंग बॉक्स था। वह उस पर कुछ लिखकर बीच वाले लड़के को देता था, जो अमायरा को दिखाता था। अमायरा असहज महसूस करती थी और बॉक्स लौटा देती थी। यह सिलसिला 8 से 10 बार चला। अमायरा के पिता का कहना है कि स्कूल में इस तरह बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है और शिक्षिकाएं खामोश हैं, यह चौंकाने वाला है।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया और अमायरा की अंतिम कोशिशें
अमायरा करीब 11.50 बजे पहली बार शिक्षिका के पास शिकायत करने जाती है। दो शिक्षिकाएं मौजूद थीं। वह करीब 40 सेकंड तक शिक्षिका के पास रहती है। इसी दौरान वह लड़का भी मैडम के पास पहुंच जाता है और अमायरा की बात काटते हुए अपनी बात करने लगता है। मैडम अमायरा को सीट पर बैठने के लिए जोर से कहती हैं।
वह लड़का दोबारा अमायरा को परेशान करने लगता है, जिसके बाद अमायरा दोबारा शिक्षिका के पास जाती है। लड़का फिर से अमायरा की बात काटता है। यह सिलसिला तीसरी और चौथी बार भी होता है। अमायरा रोने लगती है। आखिरी बार फिर हिम्मत कर शिक्षिका के पास जाती है, लेकिन शिक्षिका उसकी नहीं सुनतीं। बच्चे और शिक्षिकाएं दोनों अमायरा को ही निशाना बना रहे थे। दूसरी शिक्षिका ने भी कुछ नहीं किया। इसके बाद अमायरा ने हार मान ली।
पुराना ऑडियो और माता-पिता की पिछली शिकायतें
अमायरा का एक पुराना ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें वह कह रही है, "मुझे स्कूल नहीं जाना है, बच्चे परेशान करते हैं।" मां शिवानी ने बताया कि जब-जब अमायरा ने शिकायत की, तब-तब वह जिम्मेदार शिक्षिका के पास गईं और मामले को सुलझवाया।
स्कूल की तरफ से हमेशा यही प्रतिक्रिया मिलती थी कि "हम देख रहे हैं, देख लेंगे, वह एडजस्ट हो जाएगी।" शिवानी ने जोर देकर कहा कि उनकी बेटी एडजस्टेड ही थी, क्योंकि वह ऑल-राउंडर थी और सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेती थी।
बुलिंग का बच्चों पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव
सहायक आचार्य मनोचिकित्सा डॉ. धर्म दीप सिंह ने बताया कि बुलिंग या चिढ़ाया जाना किसी भी बच्चे के सामान्य विकास का हिस्सा नहीं है। जब किसी बच्चे को उसके सहपाठियों द्वारा चिढ़ाया जाता है, तो इसका सीधा प्रभाव उसकी मनोस्थिति पर पड़ता है।
इससे न केवल उसके आत्मविश्वास में कमी आती है, बल्कि वह असुरक्षा के भाव से भी ग्रसित हो जाता है। अमायरा का मामला इस बात का दुखद उदाहरण है कि कैसे स्कूल में बच्चों को परेशान किया जाना उनके जीवन पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।