रामसीन मंदिर विवाद, प्रशासन सख्त: जालौर: रामसीन के आपेश्वर महादेव और गायत्री मंदिर विवाद में प्रशासन सख्त, पाबंद किया

जालौर: रामसीन के आपेश्वर महादेव और गायत्री मंदिर विवाद में प्रशासन सख्त, पाबंद किया
Police in Ramsin Gayatri Shaktipeeth : Filephoto
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Highlights

  • जालौर के रामसीन में आपेश्वर महादेव सेवा ट्रस्ट और गायत्री मंदिर के बीच विवाद।
  • उपखण्ड अधिकारी जसवंतपुरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में नहीं बनी सहमति।
  • दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े, पुलिस और प्रशासन की समझाइश विफल।
  • प्रशासन ने दोनों पक्षों को पाबंद किया, सुरक्षा के लिए पुलिस जाप्ता तैनात।

जालौर: जालौर जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार, दिनांक 02 अक्टूबर 2025 को उप तहसील कार्यालय रामसीन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक श्री आपेश्वर महादेव सेवा ट्रस्ट, रामसीन और गायत्री मंदिर, रामसीन के बीच चल रहे आपसी मतभेद के समाधान हेतु आयोजित की गई थी। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।उपखण्ड अधिकारी जसवंतपुरा की अध्यक्षता में संतलपुर क्षेत्र के अंतर्गत हुई इस बैठक में पुलिस अधिकारियों और क्षेत्र के मौजिज ग्रामीणों की उपस्थिति रही, जिसमें विस्तृत चर्चा की गई।

विवाद का मूल कारण

बैठक की शुरुआत में, श्री आपेश्वर महादेव सेवा ट्रस्ट, रामसीन द्वारा दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामले का निस्तारण करने और अपने-अपने विचार रखने के लिए कहा गया। स्ट के प्रबंध निदेशक गंगासिंह परमार का कहना है कि गायत्री मंदिर आपेश्वर ट्रस्ट के अधीन ही है। इसके विपरीत, गायत्री मंदिर के व्यवस्थापक केशव राजपुरोहित का दावा है कि यह मंदिर हरिद्वार स्थित गायत्री ट्रस्ट के अधीन है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं, जिससे विवाद गहराता जा रहा है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

पुलिस विभाग की ओर से थाना अधिकारी मोहनलाल ने बैठक में बताया कि रामसीन पुलिस थाना को प्राप्त परिवार और उच्चाधिकारियों के निर्देशों के अनुपालन में, दोनों पक्षों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु गोपनीय रूप से निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रामसीन परिसर में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। तहसीलदार जसवंतपुरा ने भी दोनों पक्षों को शांति एवं सौहार्द की भावना के साथ कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि दोनों ही पक्षों को किसी भी विवाद से बचना चाहिए और आपसी सहमति से कार्य करना चाहिए। दोनों ही मंदिर के खसरे पृथक हैं। आपेश्वर मंदिर की भूमि गैर मुमकिन राजस्थान सरकार के हिस्से में है और गायत्री मंदिर की भूमि गैर मुमकिन ग्राम पंचायत के नाम से है।

समझाइश विफल, प्रशासन ने पाबंद किया

हालांकि, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बावजूद, ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक गंगासिंह परमार और गायत्री मंदिर के व्यवस्थापक केशव राजपुरोहित दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अटल रहे। थाना प्रभारी मोहनलाल ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। बैठक में उपस्थित ग्रामीण गोपाल सिंह ने भी क्षेत्र में शांति और गरिमा कायम रखने की अपील की, लेकिन दोनों ही पक्ष विवाद को बातचीत से सुलझाने के समर्थन में नहीं दिखे।

इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन की ओर से दोनों पक्षों को शांति भंग न करने हेतु पाबंद किया गया है। साथ ही, किसी भी अप्रिय घटना से बचने और सुरक्षा के लिहाज से रामसीन परिसर में पुलिस जाप्ता तैनात रहेगा। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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