Jalore, Rajasthan: गणपतसिंह हत्याकांड: 15 माह बाद भी खुलासा नहीं, परिवार की भूख हड़ताल की चेतावनी
जालोर (Jalore) में गणपतसिंह (Ganpatsingh) हत्याकांड का 15 माह बाद भी खुलासा न होने पर पत्नी भारती कंवर (Bharti Kanwar) ने तीन दिन में कार्रवाई न होने पर बच्चों संग भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) को ज्ञापन सौंपा।
जालोर: जालोर (Jalore) में गणपतसिंह (Ganpatsingh) हत्याकांड का 15 माह बाद भी खुलासा न होने पर पत्नी भारती कंवर (Bharti Kanwar) ने तीन दिन में कार्रवाई न होने पर बच्चों संग भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) को ज्ञापन सौंपा।
गणपतसिंह हत्याकांड: 15 माह से अधिक का इंतजार
मांडोली निवासी गणपतसिंह पुत्र रणसिंह राजपूत की 28 अगस्त 2023 को हुई निर्मम हत्या को पंद्रह माह से अधिक का समय बीत चुका है।
इस लंबे अंतराल के बावजूद भी पुलिस प्रशासन इस मामले में कोई ठोस खुलासा नहीं कर पाया है।
पीड़ित परिवार, विशेषकर गणपतसिंह की पत्नी भारती कंवर, लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं।
पुलिस की धीमी जांच प्रक्रिया और बार-बार मिलने वाले आश्वासनों से अब परिवार का धैर्य जवाब दे चुका है।
न्याय के लिए परिवार की अंतिम चेतावनी
भारती कंवर ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
इस ज्ञापन में उन्होंने स्पष्ट रूप से तीन दिनों की समय-सीमा निर्धारित की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस निर्धारित समय में मामले में कोई ठोस प्रगति नहीं होती है, तो वे अपने दो छोटे बच्चों के साथ जालोर जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगी।
भारती कंवर का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनके पति के हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं पहुँच जाते।
उन्होंने अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।
पुलिस की निष्क्रियता और पूर्व के विरोध प्रदर्शन
ज्ञापन में भारती कंवर ने बताया कि घटना के 15 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं।
पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें लगातार केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं, लेकिन जांच में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।
इस हत्याकांड के विरोध में पहले भी कई बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं।
9 सितंबर को रामसीन पुलिस थाना के समक्ष एक विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 10 दिनों के भीतर मामले का पर्दाफाश करने का आश्वासन दिया था।
इसके बाद 15 अक्टूबर को जालोर जिला मुख्यालय पर भी एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद कई दिनों तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा।
28 अक्टूबर को जोगेश्वर गर्ग द्वारा कुछ आश्वासनों के बाद धरना कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया था।
इन आश्वासनों में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को हटाना, जांच बदलना और जल्द खुलासा करना शामिल था।
भारती कंवर के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों को हटाया भी गया, लेकिन मामले का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
जांच में बाधाएं और संदिग्धों पर आरोप
पीड़िता ने जानकारी दी कि मामले की जांच आईपीएस अधिकारी गोपीनाथ कांबले के सांचोर से स्थानांतरण के बाद धीमी पड़ गई।
उनके स्थानांतरण के बाद से अभी तक कोई महत्वपूर्ण कार्यवाही नहीं हुई है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि इस संवेदनशील मामले की जांच किसी क्राइम विशेषज्ञ अधिकारी को सौंपी जाए ताकि जल्द से जल्द खुलासा हो सके।
भारती कंवर का दावा है कि गोपीनाथ कांबले खुलासे के बहुत नजदीक पहुँच गए थे।
उनकी जांच के दौरान तीन संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई थी।
इन संदिग्धों के नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेनस्ट्रोम टेस्ट के लिए न्यायालय से अनुमति भी मांगी गई थी।
हालांकि, ज्ञापन में यह गंभीर आरोप भी दर्ज है कि उन्हीं में से एक व्यक्ति ने अनुसंधान अधिकारी द्वारा दो करोड़ रुपये की मांग रखने पर ही अपना टेस्ट कराने की सहमति देने की बात कही।
इसके बाद दो अन्य व्यक्तियों ने भी इसी शर्त पर अपने टेस्ट कराने की बात रखी।
पीड़िता के अनुसार, तीनों व्यक्तियों के सहमत न होने के कारण न्यायालय ने टेस्ट की अनुमति नहीं दी और इसके तुरंत बाद गोपीनाथ कांबले का स्थानांतरण हो गया।
यह स्थिति जांच प्रक्रिया में एक बड़ी बाधा बन गई है।
न्याय की अंतिम उम्मीद और सरकार से अपील
भारती कंवर ने अपने ज्ञापन में दृढ़ता से लिखा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पति के हत्यारे इन तीनों संदिग्धों में से ही हो सकते हैं।
उन्होंने मांग की है कि इन तीनों संदिग्धों से गहनता से पूछताछ की जाए।
इसके अतिरिक्त, इन संदिग्धों के साथ हमेशा रहने वाले व्यक्तियों से भी पूछताछ की जानी चाहिए।
भारती कंवर ने एक तकनीकी व विशेषज्ञ टीम लगाकर तीन दिनों के भीतर प्रगति दिखाने की मांग की है।
उनकी अंतिम इच्छा है कि उन्हें और उनके छोटे बच्चों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।
उन्होंने मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग से व्यक्तिगत रुचि लेकर जांच में तेजी लाने का अनुरोध किया है।
विशेषज्ञ अधिकारी नियुक्त करने और शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की भी अपील की गई है।
भारती कंवर ने स्पष्ट किया है कि यदि एक वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिला है और अब तीन दिन के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो वे अपने बच्चों सहित जालोर जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठेंगी।
यह मामला अब राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।