Hariyali Teej 2023: महिलाएं रचाएंगी पिया के नाम की मेहंदी, निकलेगी शाही ठाट-बाठ से तीज माता की सवारी

हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। तीज का त्यौहार बेहद ही हराभरा भी होता है। इस दिन हरे रंग का विशेष महत्‍व होता है। इसलिए इस दिन महिलाओं के हरी साड़ी के साथ हरी चूड़ियां भी पहनने का प्रचलन है। 

Hariyali Teej 2023

जयपुर | Hariyali Teej 2023: विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं का सबसे मनपसंदीदा त्यौहार श्रावणी तीज शनिवार को मनाया जाएगा। 

रंग रंगीले राजस्थान में तीज का बड़ा ही महत्व है। तीज का त्यौहार भाद्र कृष्ण तृतीया को मनाया जाता है। इसे सतूरी तीज, कजली तीज और कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। 

यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस बार ये त्यौहार 19 अगस्त को आ रहा है। हरियाली तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं। तीज का त्यौहार बेहद ही हराभरा भी होता है। इस दिन हरे रंग का विशेष महत्‍व होता है। इसलिए इस दिन महिलाओं के हरी साड़ी के साथ हरी चूड़ियां भी पहनने का प्रचलन है। 

इस दिन महिलाएं बाग-बगीचों में पहुंची हैं और गीत गाती हैं, डांस करती हैं साथ ही वहां पेड़ों पर झूला डालकर झूलती हैं। 

क्यों मनाई जाती है तीज ?

शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भगवान शिव ने माता  पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था।

माता पार्वती के कहने पर शिव जी ने आशीर्वाद दिया कि जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को रखेगी उसके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। 

तीज पर निर्जला व्रत और भगवान शिव और माता पार्वती जी की विधि पूर्वक पूजा करने का विधान है।

राजस्थान में भरता है तीज माता का मेला

राजस्थान में तीज का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती के स्वरूप तीज माता की पूजा-अर्चना की जाती है। 

राजधानी जयपुर में तीज माता की शाही लवाजमे के साथ सवारी निकलने की परंपरा है। 

जयपुर में तीज के मौके पर भव्य मेला भरता है। जिसमें तीज माता की सवारी शाही लवाजमे के साथ मुख्य बाजारों से निकाली जाती है। 

इस शाही सवारी में राजस्थानी लोक कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। 

तीज से पहले मनाया जाता सिंजारा

हरियाली तीज से एक दिन पूर्व सिंजारा मनाया जाता है। सिंजारे के दिन नवविवाहिता और जिसकी लड़की की संगाई हो चुकी हो उसको ससुराल परिवार की ओर से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई भेजी जाती हैं। 

सुसराल पक्ष की ओर से आइ सभी वस्तुओं का महिलाएं उपयोग करके अपना श्रृंगार करती हैं।