जयपुर ब्लास्ट केस : क्या सचिन पायलट बैकफुट पर ले आए है अशोक गहलोत को ? सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2008 में जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस के आरोपियों को बरी किए जाने के मामले पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार चौतरफा घिरी हुई है. अब इस मामले में एक नया टर्निंग पॉइंट आया है
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2008 में जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस के आरोपियों को बरी किए जाने के मामले पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार चौतरफा घिरी हुई है. अब इस मामले में एक नया टर्निंग पॉइंट आया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि सरकार राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी साथ ही इस मामले में ढीली पैरवी किए जाने के कारण राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाए भी आगे से रोकने के फैसला लिया है.
सचिन पायलट ने फैसले को बताया था दुखद
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जयपुर सीरियल ब्लास्ट के चारों आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर सचिन पायलट ने आपत्ति जताई थी. अपने आवास पर राइट टू हैल्थ बिल का विरोध कर रहे डॉक्टर्स से मुलाकात के बाद पायलट ने मीडिया से बात की और इसी दौरान उन्होंने जयपुर सीरियल ब्लास्ट के फैसले पर दुःख व्यक्त करते हुए सरकार पर निशाना साधा था.
जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने के फैसले को गहलोत सरकार की चुनौती
पायलट ने कहा कि ' किसी ने तो ब्लास्ट किए होंगे' इसके साथ ही पायलट ने इस मामले में जाँच और इससे संबंधित अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठाए थे. गौरतलब है कि प्रदेश में गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद संभाल रहे है.
भाजपा ने भी जांच को सवालों के घेरे में खड़ा किया
जयपुर सीरियल ब्लास्ट के फैसले पर भाजपा के नेताओं ने भी जाँच और पैरवी पर गंभीर सवाल उठाए थे. पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी इस मामले पर सरकार की तरफ से जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. अब खबर है कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले ,में सरकार के फेलियर को भाजपा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकती है.