उदयपुर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: मासूम के दुष्कर्मी को फांसी, मां—बाप को कैद

उदयपुर जिले में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या कर शव के 10 टुकड़े करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट 2 ने आज एक एतिहासिक फैसला सुनाया है।

उदयपुर जिले में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या कर शव के 10 टुकड़े करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट 2 ने आज एक एतिहासिक फैसला सुनाया है।

उदयपुर | उदयपुर जिले में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या कर शव के 10 टुकड़े करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट 2 ने आज एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। मुख्य आरोपी कमलेश को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि उसके माता-पिता जो हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने में सहयोगी पाए गए, उन्हें चार-चार साल की सजा मिली है। 

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब आरोपी कमलेश ने 8 साल की मासूम बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने बच्ची की गला घोटकर हत्या कर दी और फिर शव को 10 टुकड़ों में काट दिया। यह घटना 29 मार्च 2023 को मावली क्षेत्र में हुई थी।

कोर्ट में पेश किए गए साक्ष्यों, पुलिस की जांच रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर कमलेश को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में 8 दिन पहले ही कमलेश और उसके माता-पिता को दोषी पाया था और सजा की तारीख 4 नवंबर तय की गई थी।

पॉक्सो कोर्ट नंबर 2 के लोक अभियोजक सयैद हुसैन बंटी ने कहा, "कोर्ट ने मुख्य आरोपी कमलेश को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि उसके माता-पिता को 4-4 साल की कैद की सजा दी गई है।" 

आरोपी के माता-पिता का केस
आरोपी के माता-पिता ने अपने खिलाफ लगे आरोपों के विरुद्ध जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई। यह फैसला न सिर्फ उदयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के लिए एक चेतावनी संदेश है कि बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों के प्रति न्याय व्यवस्था कितनी सख्त है। इस मामले ने सभी को हिलाकर रख दिया था और उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से ऐसे अपराधों की रोकथाम में मदद मिलेगी। 

उदयपुर से चेतन कुमार की रिपोर्ट