3 दिसंबर को होगा साफ,राज बदलेगा या रिवाज: अगर BJP आई सत्ता में तो ये चेहरे बने हुए हैं सीएम की रेस में सबसे आगे

अगर इस बार फिर से राज बदलता है और भाजपा को प्रदेश की कमान संभालने का मौका मिलता है तो भारतीय जनता पार्टी में कई मुख्यमंत्री पद के लिए कई चहरे सामने आने की संभावना है। 

जयपुर | राजस्थान में 25 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आ जाएगा। ऐसे में ये तस्वीर भी साफ हो जाएगी की राजस्थान में राज बदलेगा या रिवाज। 

हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है। 

ऐसे में अगर फिर से कांग्रेस रिपीट होती है तो मुख्यमंत्री पद के प्रमुख रूप से दो दोवदार सामने हो सकते हैं। इनमें एक अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तो दूसरे सचिन पायलट।

लेकिन अगर इस बार फिर से राज बदलता है और भाजपा को प्रदेश की कमान संभालने का मौका मिलता है तो भारतीय जनता पार्टी में कई मुख्यमंत्री पद के लिए कई चहरे सामने आने की संभावना है। 

ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि इस चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को मुख्यमंत्री फेस के तौर पर आगे नहीं किया है। जिसने और भी सस्पेंस बढ़ा दिया है।

ऐसे में भाजपा में अब कई और चेहरों पर भी सियासी गलियारों में चर्चा चल पड़ी है।

ये चेहरे बने हुए हैं रेस में

वसुंधरा राजे: भाजपा इस बार सत्ता में वापसी कर लेती है तो मुख्यमंत्री पद की सबसे प्रमुख और मजबूत दावेदार वसुंधरा राजे ही हैं। 

राजे दो बार प्रदेश की मुखिया रह चुकी हैं। राजस्थान में भाजपा की सबसे लोकप्रिय नेता राजे को ही माना जाता है। 

राजेन्द्र राठौड़ : सीएम रेस में सबसे कद्दावर विधायी समझ वाले नेताओं में शुमार है राजेन्द्र राठौड़। राजेन्द्र राठौड़ संगठन पर भी पकड़ रखते हैं और शासन पर भी। ऐसे में बीजेपी यदि राजस्थान में एक प्रभावी शासन का मैसेज देना चाहती है तो फिर राजेन्द्र राठौड़ के नाम पर मुहर लग सकती है।

दीया कुमारी: राजस्थान में भाजपा की ओर से सीएम फेस को लेकर महारानी वसुंधरा राजे के बाद सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा राजकुमारी का सामने आ रहा है। 

सियासी गलियारों में कई बार दीया कुमारी (Diya Kumari) को सीएम बनाने की चर्चा चल चुकी है। जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली भाजपा सांसद दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनावी मैदान में है। 

दीया को राजे के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में दीया कुमारी की भी बड़ी दावेदारी मानी जा रही है। 

गजेंद्र सिंह शेखावत: दीया कुमारी के बाद अगर किसी की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वह गजेंद्र सिंह शेखावत है। 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत यूं तो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन लगातार शेखावत को सरकार और संगठन में अहम भूमिका दी जा रही है। 

अशोक गहलोत के साथ बयानबाजी को लेकर लगातार चर्चा बटौरने वाले शेखावत की टिकट बंटवारे में भी खूब चली। ऐसे में उन्हें राजनीति का एक्सपर्ट भी माना जाता है। अब यदि  भाजपा सरकार में आती है शेखावत को भी राज्य की सत्ता में उतारा जा सकता है। 

सतीश पूनिया: पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और मौजूदा समय में विधानसभा नेता उपप्रतिपक्ष सतीश पूनिया भी रेस में शामिल हैं।

सतीश पूनिया जाट समुदाय से आते हैं और वह जयपुर की  आमेर सीट से चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में अगर भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब होती है तो पार्टी आलाकमान उन्हें यह दायित्व सौंप सकता है। 

बाबा बालक नाथ: राजस्थान के योगी कहे जाने वाले अलवर से सांसद महंत बालक नाथ का नाम भी मुख्यमंत्री की दौड़ में बना हुआ है। यादव समुदाय से संबंध रखने वाले महंत योगी बालक नाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत है और तिजारा सीट से प्रत्याशी है। 

हालांकि, अभी भारतीय जनता पार्टी ने इनमें से किसी भी नेता को लेकर मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात नहीं कही हैं। ये चर्चा तो सियासी गलियारों में आम बनी हुई है। 

अगर राजस्थान में भाजपा आती है तो मुख्यमंत्री पद की कमान किसे मिलेगी इसका सस्पेंस तो पार्टी तभी खत्म करेगी।