Rajasthan: जयपुर-बालोतरा एक्सप्रेसवे: 6 जिलों को सौगात, गुजरात-पंजाब कनेक्टिविटी
राजस्थान (Rajasthan) में जयपुर (Jaipur) के बगरू (Bagru) से बालोतरा (Balotra) के पटाऊ (Patau) तक 278 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। यह पाली (Pali), जयपुर, अजमेर (Ajmer), ब्यावर (Beawar), जालोर (Jalore) और बालोतरा सहित छह जिलों को जोड़ेगा, जिससे गुजरात (Gujarat) और पंजाब (Punjab) से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
नई दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) में जयपुर (Jaipur) के बगरू (Bagru) से बालोतरा (Balotra) के पटाऊ (Patau) तक 278 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनेगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। यह पाली (Pali), जयपुर, अजमेर (Ajmer), ब्यावर (Beawar), जालोर (Jalore) और बालोतरा सहित छह जिलों को जोड़ेगा, जिससे गुजरात (Gujarat) और पंजाब (Punjab) से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
राजस्थान के विकास को गति देने और यात्रा को सुगम बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जयपुर के बगरू से बालोतरा के पटाऊ तक बनने वाले 278 किलोमीटर लंबे नए एक्सप्रेसवे की अधिसूचना जारी कर दी है। यह परियोजना राज्य के छह प्रमुख जिलों के लिए एक बड़ा 'गिफ्ट' साबित होगी, जिससे न केवल आंतरिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि पड़ोसी राज्यों गुजरात और पंजाब से भी आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
छह जिलों को मिलेगा एक्सप्रेसवे का लाभ
यह महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे राजस्थान के छह महत्वपूर्ण जिलों — पाली, जयपुर, अजमेर, ब्यावर, जालोर और बालोतरा — से होकर गुजरेगा। इन जिलों के निवासियों को इस परियोजना का सीधा लाभ मिलेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे लोगों के लिए यात्रा करना और सामान पहुंचाना दोनों ही अधिक कुशल हो जाएंगे। विशेष रूप से, रोहट क्षेत्र के लोगों को सीधे जयपुर और जोधपुर तक पहुंचने में सुविधा होगी, जो उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।
इस 278 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण विभिन्न जिलों में अलग-अलग चरणों में होगा। जयपुर में 52 किलोमीटर, अजमेर में 52 से 120 किलोमीटर, ब्यावर में 120 से 161 किलोमीटर, पाली में 161 से 226 किलोमीटर, जालोर में 226 से 235 किलोमीटर और बालोतरा में 235 से 278 किलोमीटर तक इसका निर्माण कार्य किया जाएगा। यह विस्तृत योजना सुनिश्चित करती है कि एक्सप्रेसवे का लाभ इन सभी क्षेत्रों तक पहुंचे और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिले।
यात्रा समय और दूरी में बड़ी कमी
जयपुर-बालोतरा एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रा के समय और दूरी में उल्लेखनीय कमी आएगी। वर्तमान में पाली से जयपुर जाने में जितना समय लगता है, उसमें लगभग डेढ़ घंटे की बचत होगी। यह उन यात्रियों और व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत है जो इन दोनों शहरों के बीच नियमित रूप से आवागमन करते हैं। समय की बचत से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसी प्रकार, पाली से बालोतरा के बीच की दूरी भी काफी कम हो जाएगी। अभी दोनों शहरों के बीच 155 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद यह दूरी घटकर 115 किलोमीटर रह जाएगी, और यात्रा का समय भी घटकर मात्र डेढ़ घंटा हो जाएगा। यह तेज और सुगम यात्रा दैनिक यात्रियों और माल ढुलाई करने वालों के लिए वरदान साबित होगी।
बढ़ेगी अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी
इस एक्सप्रेसवे का एक और महत्वपूर्ण पहलू इसकी अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। यह नया एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। यह जुड़ाव राजस्थान की पंजाब और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों से कनेक्टिविटी को और अधिक बढ़ाएगा। इससे व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और तीनों राज्यों के बीच लोगों का आवागमन भी आसान होगा। यह एक रणनीतिक कदम है जो क्षेत्रीय एकीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
गुजरात और पंजाब के साथ बेहतर सड़क संपर्क से लॉजिस्टिक्स की लागत कम होगी और उद्योगों को भी लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे सिर्फ राजस्थान के भीतर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे देश के पश्चिमी हिस्सों में माल की आवाजाही और अधिक कुशल हो जाएगी।
एक्सप्रेसवे का विस्तृत रूट और निर्माण
जयपुर-बालोतरा एक्सप्रेसवे जयपुर से 28 किलोमीटर पहले बगरू से शुरू होकर बालोतरा के पटाऊ तक बनेगा। इस रूट का चयन इस तरह से किया गया है कि यह अधिकतम आबादी और व्यापारिक केंद्रों को लाभ पहुंचा सके। कंसल्टिंग इंजीनियर ग्रुप (CEG) लिमिटेड को इस परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह एक्सप्रेसवे पाली जिले के 31 गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें इंद्रा नगर, सांपा, खेतावास, पाली, भांबोलाई, भालेलाव, निंबाडा, निंबली उर्रा, बागडिया, दूदिया, कानावास, ढाबर, खारड़ा, बांडाई, चोटिला, सवाईपुरा, बिठू और रेवड़ा खुर्द जैसे प्रमुख गांव शामिल हैं। जालोर जिले में यह आहोर तहसील के बरवा और धाणा गांव से गुजरेगा। वहीं, बालोतरा जिले में ठाकर खेडा, मजल, करमावास, थापन और मूथली कुसीप जैसे गांवों से होकर यह एक्सप्रेसवे अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। इन गांवों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक नई जीवन रेखा साबित होगा, जिससे उनके लिए शहरों तक पहुंचना और अपनी उपज या उत्पादों को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा।
परियोजना की वर्तमान स्थिति और भविष्य
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद अब डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है। कंसल्टिंग इंजीनियर ग्रुप (CEG) लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपना परियोजना की गंभीरता और गुणवत्ता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डीपीआर तैयार होने के बाद, अगले चरणों में भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से राजस्थान के बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार आएगा और यह राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा और समग्र विकास को गति देगा।