जयपुर ग्रामीण: सांसद राव राजेंद्र सिंह को हाई कोर्ट ने किया तलब
राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह (Rao Rajendra Singh) को जयपुर ग्रामीण (Jaipur Rural) लोकसभा चुनाव 2024 में वोटों की दोबारा गिनती के सिलसिले में 1 नवंबर को तलब किया है।
जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह (Rao Rajendra Singh) को जयपुर ग्रामीण (Jaipur Rural) लोकसभा चुनाव 2024 में वोटों की दोबारा गिनती के सिलसिले में 1 नवंबर को तलब किया है।
जयपुर ग्रामीण लोकसभा चुनाव: हाई कोर्ट ने सांसद को किया तलब
राजस्थान हाई कोर्ट ने भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह को जयपुर ग्रामीण लोकसभा चुनाव 2024 में वोटों की दोबारा गिनती के संबंध में 1 नवंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
यह महत्वपूर्ण आदेश जस्टिस वीके भरवानी की सिंगल बेंच ने कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।
मामले की लगातार हो रही सुनवाई में अनावश्यक देरी और सांसद की पिछली गैर-हाजिरी को देखते हुए अदालत ने इस बार सख्त रुख अपनाया है।
पूर्व में भी जारी हुए थे नोटिस, लेकिन नहीं हुई थी पेशी
याचिकाकर्ता अनिल चोपड़ा के वकील ने अदालत को सूचित किया कि इससे पहले 20 अगस्त को भी अदालत ने भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह को इस मामले में नोटिस जारी किया था।
हालांकि, उस समय सांसद राव राजेंद्र सिंह हाई कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिसके कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई थी।
सांसद की गैर-हाजिरी को गंभीरता से लेते हुए, हाई कोर्ट ने इस बार सख्ती दिखाते हुए उनके आवास पर ही नोटिस चस्पा करने के आदेश दिए थे ताकि उन्हें अदालत के आदेश की जानकारी मिल सके।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने निर्वाचन विभाग को भी कड़ी फटकार लगाई है, क्योंकि विभाग की ओर से इस महत्वपूर्ण चुनावी विवाद मामले में कोई प्रभावी पैरवी नहीं की जा रही थी।
क्या है जयपुर ग्रामीण सीट पर वोटों की दोबारा गिनती का मामला?
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल चोपड़ा ने भाजपा के राव राजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
चुनाव परिणामों के अनुसार, अनिल चोपड़ा यह चुनाव केवल 1615 वोटों के बहुत ही कम अंतर से हार गए थे, जिससे उन्हें चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का संदेह हुआ।
इस मामूली हार के बाद, कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा ने राजस्थान हाई कोर्ट में मतपत्रों की पुनर्गणना (recount) के लिए एक याचिका दायर की है।
याचिका में उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच की मांग की है और न्याय की गुहार लगाई है।
इस याचिका के दायर होने के बाद से ही मामले की सुनवाई लगातार किसी न किसी कारण से अटक रही थी, जिसके कारण हाई कोर्ट को अंततः इतने सख्त कदम उठाने पड़े।
झोटवाड़ा विधानसभा में 80 हजार वोटों के अंतर पर सवाल
अनिल चोपड़ा ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त करते हुए बताया कि वे लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सात विधानसभाओं में जीत दर्ज करने में सफल रहे थे।
हालांकि, झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वे भाजपा उम्मीदवार से 80 हजार वोटों के एक बड़े और अप्रत्याशित अंतर से पीछे रह गए थे।
चोपड़ा ने जोर देकर कहा कि वे इसी बड़े अंतर के पीछे के कारणों को जानने और इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसमें कुछ गड़बड़ी की आशंका है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के स्तर पर भी इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और "वोट रक्षक अभियान" नामक एक विशेष पहल शुरू की गई है।
इस अभियान के तहत झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की सभी 384 बूथों पर गहनता से काम किया जा रहा है, ताकि वोटों की गिनती में हुई किसी भी संभावित विसंगति को उजागर किया जा सके।
यह मामला राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में गरमा गया है और सभी की निगाहें 1 नवंबर को होने वाली हाई कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हुई हैं, जहां सांसद राव राजेंद्र सिंह को पेश होना है।
इस मामले का फैसला आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति और चुनावी प्रक्रियाओं पर गहरा असर डाल सकता है।