Rajasthan: जेजेएम घोटाले: महेश जोशी ने ईडी कोर्ट में पासपोर्ट किया सरेंडर

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) घोटाले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने आज ईडी कोर्ट (ED Court) पहुंचकर अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। जोशी को सशर्त जमानत मिली है।

महेश जोशी ने ईडी कोर्ट में पासपोर्ट किया सरेंडर

जयपुर: जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) घोटाले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने आज ईडी कोर्ट (ED Court) पहुंचकर अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। जोशी को सशर्त जमानत मिली है।

पूर्व मंत्री महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आते ही यह कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत देते हुए पासपोर्ट सरेंडर करने और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त लगाई थी। जोशी सुबह ईडी कोर्ट पहुंचे और अपना पासपोर्ट जमा करवाया।

जोशी ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अभी तक जेल में थे और अब जमानत पर बाहर आए हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले चार्जशीट का अध्ययन करेंगे और कोशिश करेंगे कि हर पेशी पर कोर्ट में स्वयं उपस्थित रहें। जोशी ने यह भी बताया कि कोर्ट ने उनसे केस से संबंधित कई जानकारियां मांगी थीं, जो उनके पास थीं और उन्होंने कोर्ट से साझा कीं।

करीब सात महीने बाद महेश जोशी 3 दिसंबर को जयपुर सेंट्रल जेल से बाहर आए थे। उनकी रिहाई के बाद यह पहला बड़ा कदम है, जिसमें उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन किया है।

गिरफ्तारी और जमानत की प्रक्रिया

महेश जोशी को 900 करोड़ रुपये के जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में 24 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार न्यायिक हिरासत में थे।

उनकी जमानत याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को खारिज कर दिया था। इसके बाद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी रिहाई की अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त जमानत

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने 3 दिसंबर को महेश जोशी को जमानत दे दी। यह जमानत कई शर्तों के साथ मिली है, जिनमें पासपोर्ट सरेंडर करना प्रमुख है।

जोशी ने अपनी जमानत याचिका में तर्क दिया था कि पैसा उनके बेटे की फर्म के लिए लिया गया था, लेकिन बाद में उसे लौटा दिया गया था। हालांकि, ईडी ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि पैसे लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें जमानत प्रदान की।