Jalore Sirohi Loksabha: हाथी पर सवार होकर आए लाल सिंह राठौड़ ने पंजे और कमल की मुश्किलें बढ़ा दी है

लाल सिंह राठौड़ ग्रेनाइट एसोसिएशन जालोर के अध्यक्ष रह चुके हैं और कळबी नेता जगदीश चौधरी समेत कई नेताओं के संपर्क में हैं। पहले भाजपा में सक्रिय रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। राठौड़ फिलहाल कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष हैं और लोकसभा के दावेदार थे।

Jalore | लाल सिंह राठौड़ के चुनावी माहौल में आ जाने से कांग्रेस का क्या बंटेगा। राजपूत और एससी—एसटी वोटबैंक पर नजरों के चलते बहुजन समाज पार्टी ने एक बड़ा खेल जालोर—सिरोही की सीट पर कर दिया है।

अशोक गहलोत अपनी उम्र के उतरार्ध में खड़े होकर बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा पहुंचाने के लिए जी—जान से जुटे हैं। राजपूत वोट बैंक जिनकी टिकट के लिए लगातार डिमांड रही है, पहली बार नए परिसीमन के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी से चुनाव मैदान में हैं।

लाल सिंह राठौड़ ग्रेनाइट एसोसिएशन जालोर के अध्यक्ष रह चुके हैं और कळबी नेता जगदीश चौधरी समेत कई नेताओं के संपर्क में हैं। पहले भाजपा में सक्रिय रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। राठौड़ फिलहाल कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष हैं और लोकसभा के दावेदार थे।

अब उन्होंने पार्टी को किनारे करते हुए चुनाव लड़ने का मानस बनाया है और अब जालोर—सिरोही का मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। बसपा की विचारधारा वाला एक वर्ग है। साथ ही यदि बीजेपी—कांग्रेस का मूल वोटबैंक राजपूत यहां से खिसकता है तो इस चुनाव के समीकरण अलग हो जाएंगे। प्रदीप बीदावत का एक विश्लेषण...।