Loksabha: पाली सांसद PP choudhary ने शून्य काल में उठाया पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना का मुद्दा, सरकार से धरातल पर लाने का आग्रह

श्चिमी राजस्थान में जल संकट के स्थायी समाधान के लिए पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने केन्द्र सरकार से पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना को धरातल पर लाने का आह्वान किया है। उन्होंने लोकसभा सत्र के शून्य काल में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सरकार के समक्ष रखा।

pali mp pp choudhary addressing in parliament

नई दिल्ली/पाली/जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान में जल संकट के स्थायी समाधान के लिए पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने केन्द्र सरकार से पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना को धरातल पर लाने का आह्वान किया है। उन्होंने लोकसभा सत्र के शून्य काल में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सरकार के समक्ष रखा। सांसद चौधरी ने जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि क्षेत्र के आमजन, सिंचाई और उद्योगों के लिए पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना की तत्काल आवश्यकता है।

चौधरी ने कहा, "जिस तरह हमारी सरकार ने हाल ही में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के माध्यम से पूर्वी राजस्थान में पानी की कमी को दूर करने के लिए सराहनीय कदम उठाए हैं, उसी तरह पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना के द्वारा जोधपुर, पाली, जालोर और बाड़मेर जिलों सहित सम्पूर्ण पश्चिमी राजस्थान के लिए पानी की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी पहल होगी।"

सांसद चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में हमारी सरकार द्वारा जल प्रबंधन हेतु अनेकों सराहनीय कार्य किए गए हैं। सरकार एवं जल शक्ति मंत्री को ज्ञात है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करा रही है, लेकिन पाली, जोधपुर, जालोर, बाड़मेर और सिरोही जिलों के लिए यह केवल सीमित मात्रा में पेयजल पाइप कनेक्शन मिलते हैं, वह भी मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में।

पश्चिमी राजस्थान के लिए जीवन रेखा

सांसद चौधरी ने लोकसभा में कहा कि पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना, जिसका दायरा ईआरसीपी के समान ही है, यह हमारे पश्चिम राजस्थान के जिलों के रहने वाले आमजन और विशेष रूप से किसानों के जीवन को सामाजिक एवं आर्थिक स्तर पर पूर्ण रूप से बदल सकती है। यह दूरदराज के क्षेत्रों में पीने का पानी और बहुत जरूरी सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने हेतु वरदान साबित हो सकती है।

सांसद चौधरी ने केन्द्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से हम पश्चिमी राजस्थान के जल भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं, कृषि और आर्थिक संकट को रोक सकते हैं। जिस प्रकार ईआरसीपी का लक्ष्य पूर्वी राजस्थान के 21 जिलों को लाभ पहुंचाना है, उसी तरह पश्चिमी राजस्थान नहर परियोजना हमारे पानी की कमी वाले पश्चिमी जिलों के लिए जीवन रेखा साबित हो सकती है।