राजस्थान अस्पताल सुरक्षा CISF को: SMS अस्पताल हादसे के बाद, राजस्थान अस्पताल सुरक्षा CISF के हवाले
एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) में आग लगने के बाद राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) राज्य के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा और फायर सेफ्टी का ऑडिट करेगा।
जयपुर: एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) में आग लगने के बाद राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) राज्य के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा और फायर सेफ्टी का ऑडिट करेगा।
SMS अस्पताल हादसे के बाद सुरक्षा CISF के हवाले
राजस्थान के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के हाथों में होगी।
सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग में आठ मरीजों की मौत के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
अस्पतालों की सुरक्षा और फायर सेफ्टी सिस्टम पर गंभीर सवाल उठे थे।
इसी के मद्देनजर, CISF को पूरे SMS अस्पताल और उससे जुड़े अन्य अस्पतालों की सुरक्षा और फायर सेफ्टी व्यवस्था का विस्तृत अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस अध्ययन की रिपोर्ट आने के बाद पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए जाएंगे।
स्वास्थ्य तंत्र की तैयारियों की खुली पोल
राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SMS के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग ने राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की तैयारियों की पोल खोल दी है।
इस दर्दनाक हादसे के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्वीकार किया है कि ऐसी घटनाएं अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
उन्होंने बताया कि फिलहाल घटना की जांच जारी है और रिपोर्ट आने के बाद ही दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
खींवसर ने जानकारी दी कि आग लगने के समय ट्रॉमा सेंटर के दो आईसीयू (ICU) में कुल 22 मरीज भर्ती थे।
इनमें से छह मरीजों को छोड़कर बाकी सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि आईसीयू के मरीज लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर होते हैं, जिन्हें तुरंत बाहर निकालना बेहद मुश्किल होता है।
14 अस्पतालों की रिपोर्ट मांगी गई
चिकित्सा मंत्री ने यह भी बताया कि अस्पतालों में समय-समय पर फायर सिस्टम की जांच की जाती है।
हालांकि, इस घटना के बाद SMS अस्पताल और उससे जुड़े 14 अन्य अस्पतालों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो से तीन दिनों में यह रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी।
इस रिपोर्ट के बाद, CISF पूरे सिस्टम का सुरक्षा और फायर ऑडिट करेगी।
इसके उपरांत, राज्य सरकार पूरे स्वास्थ्य प्रणाली में बड़े बदलावों की तैयारी करेगी।
महापौर का बयान और उठते सवाल
उधर, जयपुर ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि अस्पताल के फायर सिस्टम की जांच पहले ही की जा चुकी है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि फायर ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे जल्द ही पेश किया जाएगा।
इस हादसे के बाद अब कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
क्या आग लगने से पहले कोई अलार्म बजा था?
क्या अस्पताल स्टाफ को फायर ड्रिल के लिए उचित प्रशिक्षण दिया गया था?
और क्या सिस्टम ने मरीजों को उनकी किस्मत पर छोड़ दिया था?
इन सभी सवालों के जवाब अब CISF की विस्तृत जांच रिपोर्ट से मिलने की उम्मीद है।
सरकार का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की जाएगी और फायर सेफ्टी के मानकों को और अधिक सख्त किया जाएगा।