राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान अब पूरी तरह से सज चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महंगाई राहत कैम्प के बूते सरकार रिपीट का दावा कर रहे है और खुद लगातार प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर है.
इसे बीच राजस्थान में बीते दिनों से चर्चा है थी कि चुनाव से पहले गहलोत मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल हो सकता है. जिसको लेकर CMO में एक्सरसाइज भी चल रही थी.
बताया जा रहा था कि चुनावों से ठीक पहले होने वाले मंत्रिमंडल के इस बड़े फेरबदल में पूरी तरह से सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की जाएगी. कुछ नाराज विधायकों को मौका दिया जाएगा और जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं रहा है उनका पत्ता भी काटा जाएगा.
मंत्रिमंडल के इस फेरबदल बड़ा सवाल उसमे सचिन पायलट की भूमिका को लेकर भी था. क्योकि गहलोत के मंत्रिमंडल में फ़िलहाल पांच मंत्री ऐसे है जो सचिन पायलट के साथ मानेसर स्थित होटल में थे.
ऐसे में चर्चा थी कि क्या इस मंत्रिमंडल के फेरबदल में सचिन पायलट की से रायशुमारी की जाएगी या फिर नहीं. क्योकि भृष्टाचार के मुद्दे पर अनशन के बाद लगातार गहलोत और पायलट के बीच रार बढ़ती जा रही है.
मंत्रिमंडल में फेरबदल से जुड़े सवाल का जवाब आज राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज दिया है और उन्होंने इस तरह के संकेत दिए है कि शायद विधानसभा चुनावों से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को एक बार फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
रंधावा ने आज मीडिया को बताया कि- अगर सभी कहेंगे तो मंत्रिमंडल पुनर्गठन करेंगे, मेरे ख्याल में अभी नहीं दिखती फेरबदल की जरूरत
रंधावा के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि फिलहाल मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर सरकार कोई ज्यादा सीरियस नहीं है.