कौन मारेगा बाजी: फिर से मुकाबले को तैयार सुभाष महरिया और गोविंद सिंह डोटासरा, 10 साल बाद होगी सियासी जंग

महरिया और डोटासरा दोनों ही शेखावाटी के कद्दावर जाट नेता माने जाते हैं। दोनों नेताओं के पास ही भारी जनमत है। ऐसे में यहां होने वाला मुकाबला बेहद ही रोचक रहने वाला है। 

Subhash Maharia - Govind Singh Dotasara

जयपुर | राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस ने अपनी सियासी जाजम बिछा दी है। 

दोनों पार्टियों के मोहरे आमने-सामने हो गए हैं और चुनावी खेला शुरू हो गया है। 

इसी बीच सीकर के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से भी जबरदस्त मुकाबला होने जा रहा है। यहां कांग्रेस ने गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) को उतारा है।

ऐसे में डोटासरा से मुकाबले के लिए भाजपा ने सुभाष महरिया (Subhash Maharia) को चुनावी जंग में उनके सामने खड़ा कर दिया है। 

ऐसे में दोनों नेता एक बार फिर से 10 साल बाद आमने-सामने हो गए हैं। 

महरिया और डोटासरा दोनों ही शेखावाटी के कद्दावर जाट नेता माने जाते हैं। दोनों नेताओं के पास ही भारी जनमत है। ऐसे में यहां होने वाला मुकाबला बेहद ही रोचक रहने वाला है। 

2013 में आमने-सामने हुए थे दोनों नेता

आपको बता दें कि इससे पहले साल 2013 में कांग्रेस के टिकट पर गोविंद सिंह डोटासरा और भाजपा के टिकट पर सुभाष महरिया आमने-सामने हुए थे। 

किसे मिली थी जीत ?

डोटासरा और महरिया के बीच 10 साल पहले हुआ मुकाबला भी बेहद रोमांचक और करीबी रहा था। इस चुनाव में डोटासरा ने  बाजी मारते हुए भाजपा के सुभाष महरिया को 10 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। 

इस बार कौन मार सकता है बाजी

आपको बता दें कि सुभाष महरिया कांग्रेस में जाकर वापस से भाजपा में शामिल हुए हैं। महरिया को राजनीति में 25 साल से अधिक समय का अनुभव रहा है। भाजपा के टिकट पर महरिया लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। 

इसी के साथ महरिया किसान होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता तथा बिजनेसमैन भी है। 

वहीं दूसरी ओर, छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले गोविंद सिंह डोटासरा मौजूदा समय में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं और तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।