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किसान सम्मलेन में रामेश्वर डूडी ने पहले तो सीएम गहलोत को इस सम्मेलन में आने के लिए धन्यवाद दिया, फिर अपने मन की बात भी कह डाली। डूडी ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में महिअलों-बुजुर्गों को पेंशन के जरिये सोशल सिक्योरिटी दी गई है उसी तरह से किसानों को भी मिलनी चाहिए।
बीकानेर | राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनावों का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासी गलियारों का माहौल भी गरमाता जा रहा है।
प्रदेश में पिछले साढ़े चार सालों से गहलोत सरकार से कुछ खफा-खफा चल रहे किसान नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी अब सरकार के समर्थन में आते दिख रहे हैं।
चुनावों को लेकर सक्रिय हो रहे किसान नेता रामेश्वर डूडी ने बीकानेर में बड़ा किसान सम्मलेन का आयोजन किया है।
जिसमें उन्होंने बार फिर से मुख्यमंत्री गहलोत से बड़ी मांग कर डाली।
अब क्या मांग लिया ?
किसान सम्मलेन में रामेश्वर डूडी ने पहले तो सीएम गहलोत को इस सम्मेलन में आने के लिए धन्यवाद दिया, फिर अपने मन की बात भी कह डाली।
डूडी ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में महिअलों-बुजुर्गों को पेंशन के जरिये सोशल सिक्योरिटी दी गई है उसी तरह से किसानों को भी मिलनी चाहिए।
डूडी ने सीएम से मांग करते हुए कहा कि किसानों के रिटायर होने के बाद उन्हें भी पेंशन दिया जाए।
अपने संबोधन के दौरान डूडी ने कहा कि इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री गहलोत और प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था कि, राजस्थान के किसान को 3000 रुपए तक की पेंशन चालू की जाए। ताकि हम सशक्त होकर विकास की ऊंचाइयों पर जा सके।
सबको निमंत्रण पर इनको भूल गए...
आपको बता दें कि, इस किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहुंचे।
डूडी ने प्रदेश के 60 विधायकों और मंत्रियों को भी बुलाया निमंत्रण दिया, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात ये रही कि उन्होंने सचिन पायलट को निमंत्रण नहीं भेजा और पायलट इतने बड़े सम्मेलन से दूर रहे।
कभी सचिन पायलट और रामेश्वर डूडी बेहद करीब माने जाते थे, लेकिन फिर अचानक से क्या हुआ कि इनके रिश्तों में इतनी धूल जम गई कि नजदीकियां ही कम हो गई।