प्रिया अग्रवाल ने सौंपा 300 करोड़ का चैक: राजस्थान में होगा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नाम होगा ’अनिल अग्रवाल’, जानें इनके बारे में 

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बनने वाले इस इंटरनेशनल स्टेडियम को लेकर आरसीए और हिंदुस्तान जिंक के बीच समझौता हुआ है। जयपुर में यह स्टेडियम मोटेरा और मेलबर्न के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम होगा। 

जयपुर | दुनिया के सबसे बड़े गुजरात के ’नरेन्द्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम’ (मोटेरा) के बाद अब दूसरा बड़ा स्टेडियम राजस्थान में बनने जा रहा है। 

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बनने वाले इस इंटरनेशनल स्टेडियम को लेकर आरसीए और हिंदुस्तान जिंक के बीच समझौता हुआ है। जयपुर में यह स्टेडियम मोटेरा और मेलबर्न के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम होगा। 

गुरूवार को स्टेडियम को लेकर हुआ ये समझौता विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में हुआ। समझौते के बाद स्टेडियम का नाम ’अनिल अग्रवाल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम’ (Anil Agarwal International Cricket Stadium) रखा जाएगा। 

उद्योग जगत की मशहूर हस्ती अनिल अग्रवाल की बेटी प्रिया अग्रवाल ने आरसीए के अध्यक्ष वैभव गहलोत को 300 करोड़ रुपए का चैक सौंपा। ये भारी भरकम राशि स्टेडियम के निर्माण में लगाई जाएगी।

आपकों बता दें कि, राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 में बिजनेस टायकून अनिल अग्रवाल ने राजस्थान क्रिकेट संघ द्वारा निर्माण किये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में सहयोग करने की घोषणा की थी। 

जानें कौन हैं बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल

भारत के मशहूर बिजनेसमैनों में शूमार अनिल अग्रवाल वेदांता ग्रुप के चेयरमैन हैं। अनिल बिहार से बिलॉंग करते हैं।

ये एक ऐसी बिजनेसमैन हस्ती हैं जिन्होंने कबाड़ के धंधे से एक छोटा सा व्यापार शुरू किया और धीरे-धीरे माइंस-मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बन गए।

इनकी कंपनियां भारत में जस्ते, तांबे व एल्युमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक हैं।

पटना में जन्मे अनिल अग्रवाल ने अपनी हायर सेकेंडरी स्कूल तक की पढ़ाई भी वही की। इनका जीवन बेहद कठिनाईयों भरा रहा।

महज 15 साल की उम्र में अपने पिता के बिजनेस के लिए इन्होंने स्कूल छोड़ दिया और पुणे फिर मुंबई चले गए थे।  

पटना में जन्मे और पले-बढ़े अनिल ने मिलर हायर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन महज 15 साल की उम्र में अपने पिता के बिजनेस के लिए स्कूल छोड़ दिया और पहले पुणे और फिर मुंबई चले गए।

इसके बाद उन्होंने अपना कैरियर एक कबाड़ के व्यापार से शुरू किया और आज देश के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार हैं। आज ये 14000 करोड़ से ज्यादा के मालिक हैं।

अनिल ने 1970 में स्क्रैप मेटल का काम शुरू किया था और 1976 में शैमशर स्टेर्लिंग कार्पाेरेशन को खरीद लिया।

75 फीसदी संपत्ति दान करने की घोषणा

वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल भारत के ऐसे बिजनेसमैन हैं जिन्होंने अपनी 75 फीसदी संपत्ति को दान करने की घोषणा की है। इसको लेकर उनका कहना है कि, पैसा ही सब कुछ नहीं होता, जो कमाया उसे समाज को लौटाना चाहता हूं।