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विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे सचिन पायलट ने एक और नई मांग उठा दी है। पायलट ने अपनी मांग को लेकर दिल्ली तक आवाज बुलंद की है।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे सचिन पायलट ने एक और नई मांग उठा दी है।
पायलट ने अपनी मांग को लेकर दिल्ली तक आवाज बुलंद की है।
दरअसल, राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट इस बार सीएम अशोक गहलोत से नहीं बल्कि केन्द्र की मोदी सरकार से मांग करते दिखे हैं।
सचिन पायलट ने अब ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी और शेखावत पर निशाना साधा है।
पायलट ने एक ट्वीट करते हुए ईआरसीपी को लागू करने की मांग की है।
पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व में ईआरसीपी को साकार करने का आश्वासन दिया था, मगर अब भाजपा का कोई भी नेता ईआरसीपी का नाम तक नहीं ले रहा।
प्रधानमंत्री जी ने पूर्व में ERCP को साकार करने का आश्वासन दिया था, मगर अब भाजपा का कोई भी नेता ERCP का नाम तक नहीं लेते।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) May 24, 2023
केंद्रीय मंत्री @gssjodhpur जी इस विभाग के मंत्री भी हैं और प्रदेश से ही जनप्रतिनिधि भी...इसके बावजूद उनका मौन समझ से परे है। आखिर इस योजना के प्रति केंद्र… pic.twitter.com/CFwCNafNps
मौन क्यों हैं शेखावत ?
इसी के साथ सचिन पायलट ने केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा कि शेखावत इस विभाग के मंत्री हैं और प्रदेश से ही जनप्रतिनिधि भी हैं।
इसके बावजूद शेखावत ईआरसीपी पर मौन है, जो कि समझ से परे है।
राजस्थान का हक है ईआरसीपी
पायलट ने सवाल पूछते हुए कहा कि, इस योजना को लेकर केंद्र सरकार का रवैया द्वेषपूर्ण क्यों है?
मोदी जी फिर राजस्थान आ रहे हैं, मेरा निवेदन है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा करें, क्योंकि यह राजस्थान का हक है।
ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर मुझसे लगातार प्रतिनिधि मंडल मिल रहें हैं, मैं आशा करता हूं कि यह मांग जल्द ही पूरी होगी।
गौरतलब है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का मुद्दा बहुत बड़ा और संवेदनशील है।
खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी केन्द्र से लगातार इस मुद्दों को लेकर मांग उठा रहे हैं।
अगर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल जाता है तो पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को जलापूर्ति हो सकेगी और इन जिलों में पानी समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।