Rajasthan: विजय हजारे ट्रॉफी से पहले RCA चयन पर विवाद: खिलाड़ियों में रोष

विजय हजारे ट्रॉफी से पहले RCA चयन पर विवाद: खिलाड़ियों में रोष
विजय हजारे ट्रॉफी: RCA चयन पर विवाद गहराया
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Highlights

  • विजय हजारे ट्रॉफी के लिए RCA चयन पर गंभीर आरोप।
  • खिलाड़ियों का दावा: बिना सिफारिश के चयन असंभव।
  • पूर्व कप्तान राहुल कांवट ने अनुभवहीन चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए।
  • खराब प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों को मौका, होनहारों को अनदेखा किया गया।

जयपुर: विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) से पहले राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association - RCA) के चयन पर विवाद गहरा गया है। खिलाड़ियों का आरोप है कि बिना सिफारिश के काम नहीं होता और अनुभवहीन चयनकर्ता खराब प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों को चुन रहे हैं। इस चयन से कई होनहार खिलाड़ी (talented players) नाराज हैं।

विजय हजारे ट्रॉफी से पहले विवाद

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आयोजित होने वाली विजय हजारे ट्रॉफी के लिए राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने प्रदेशभर के 36 खिलाड़ियों को कैंप के लिए चुना है। यह कैंप 19 से 21 दिसंबर तक तीन दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद राज्य टीम का अंतिम चयन होगा।

हालांकि, इस चयन प्रक्रिया को लेकर खिलाड़ियों और जिला संघों के पदाधिकारियों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि चयन में पारदर्शिता की कमी है और सिफारिशों को प्राथमिकता दी जा रही है।

खराब प्रदर्शन वाले खिलाड़ियों को मौका

चयनित 36 खिलाड़ियों में से आधा दर्जन से अधिक ऐसे हैं, जिनका प्रदर्शन पिछले लंबे समय से खास नहीं रहा है। इन खिलाड़ियों को कथित तौर पर पिछले दो साल के प्रदर्शन और सिफारिश के आधार पर टीम में शामिल किया गया है।

इसके विपरीत, जिन खिलाड़ियों ने पिछले एक साल में शानदार प्रदर्शन किया था, उन्हें कैंप में जगह नहीं दी गई है। यह स्थिति उन खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक है जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

कार्तिक शर्मा का मामला

इस बीच, खिलाड़ी कार्तिक शर्मा ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को शारीरिक रूप से अनफिट होने का मेल किया है। इस वजह से उन्हें कैंप में शामिल नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि आईपीएल (IPL) ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने कार्तिक शर्मा को 14.20 करोड़ रुपए में खरीदा था, जो उनके खेल कौशल का प्रमाण है।

खिलाड़ियों और पूर्व कप्तानों की नाराजगी

राजस्थान क्रिकेट में चयन प्रक्रिया पर कई वरिष्ठ खिलाड़ियों और पूर्व कप्तानों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उनकी टिप्पणियां मौजूदा हालात की गंभीरता को दर्शाती हैं।

सीनियर खिलाड़ी बोले: बिना सिफारिश काम नहीं

राजस्थान से क्रिकेट खेलने वाले एक सीनियर खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में हालात पूरी तरह बिगड़ चुके हैं। उनका स्पष्ट आरोप है कि अब बिना किसी सिफारिश के कोई काम नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाता है, उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिलता है। इसके बजाय, सिफारिश के आधार पर बाहर से नए खिलाड़ियों को टीम में शामिल कर उन्हें मैच खिलाया जा रहा है।

इस मनमानी से राजस्थान की टीम का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है। सीनियर खिलाड़ी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में अब कोई सुनने वाला नहीं है और हालात बेहद खराब हैं।

अनुभवहीन चयनकर्ताओं पर पूर्व कप्तान राहुल कांवट के आरोप

राजस्थान रणजी टीम के पूर्व कप्तान और सिलेक्शन कमेटी के चेयरपर्सन रहे राहुल कांवट ने चयन प्रक्रिया पर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि चयन समिति में शामिल चार सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने अपने करियर में सिर्फ पांच मैच ही खेले हैं।

कांवट ने हैरानी जताई कि ऐसे अनुभवहीन लोग अब राजस्थान टीम का चयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी वजह से अब 20 खिलाड़ियों की टीम बन रही है और 30 खिलाड़ी टीम में खेल रहे हैं, जो राजस्थान के खिलाड़ियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

मनमर्जी और अन्याय का आरोप

राहुल कांवट ने यह भी खुलासा किया कि जिन खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं था, उन्हें चुनने के लिए उन पर भी दबाव बनाया गया था। जब उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी, तो उन पर गलत आरोप लगाए गए।

कांवट ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने अपनी मनमर्जी चलाने के लिए राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को बर्बाद करने का ठेका ले लिया है। वे गैर-प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम में शामिल कर होनहार खिलाड़ियों के साथ अन्याय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है। राहुल कांवट ने सरकार से इस विषय पर संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की अपील की है।

RCA अधिकारियों का पक्ष

इस विवाद के बीच, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ अधिकारियों ने चयन प्रक्रिया पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कुछ स्पष्टीकरण दिए हैं।

अधिक खिलाड़ियों को शामिल करने का कारण

एडहॉक कमेटी के सदस्य पिंकेश जैन ने बताया कि कैंप में समय कम है। उन्होंने तर्क दिया कि खिलाड़ियों की अच्छी प्रैक्टिस के लिए कैंप में खिलाड़ियों की संख्या अधिक होनी आवश्यक है।

जैन के अनुसार, इससे बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अधिकतम अभ्यास मिल सकेगा। इसलिए, कैंप में ज्यादा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है।

चयन प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन सीनियर सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन अनिल सिन्हा ने बताया कि विजय हजारे ट्रॉफी कैंप के लिए खिलाड़ियों का चयन पांचों चयनकर्ताओं ने मिलकर किया है।

सिन्हा ने यह भी स्वीकार किया कि कैंप में कई ऐसे खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिनकी सिफारिश एडहॉक कमेटी और ऑब्जर्वर कमेटी ने की थी। उन्हें भी कैंप में मौका दिया गया है।

यह विवाद विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों की शुरुआत से कुछ ही दिन पहले सामने आया है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और खिलाड़ियों की चिंताओं को कैसे दूर करता है।

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