Uttarpradesh News: आजम-अब्दुल्ला को फर्जी पैन कार्ड मामले में 7 साल की जेल
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को फर्जी पैन कार्ड (PAN Card) मामले में रामपुर (Rampur) की एमपी/एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
रामपुर | समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को फर्जी पैन कार्ड (PAN Card) मामले में रामपुर (Rampur) की एमपी/एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
सोमवार को फैसले के तुरंत बाद पुलिस ने बाप-बेटे को कोर्ट में ही हिरासत में लिया और कड़ी सुरक्षा में रामपुर जेल ले गई। कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया। जेल जाने से पहले आजम खान पुलिस की बोलेरो से उतरे, उनके एक हाथ में चश्मे का केस और बिस्किट के दो पैकेट थे। बेटे अब्दुल्ला के हाथ खाली थे। आजम के बड़े बेटे अदीब भी जेल गेट तक पहुंचे, जहां उन्होंने भाई अब्दुल्ला को गले लगाया और दोनों भावुक हो गए।
आजम और अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
जेल में दाखिल होने से पहले आजम खान ने मीडिया से कहा, "कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है।" सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार करते हैं, वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर बुरे अंत की ओर जाते हैं।"
फर्जी पैन कार्ड मामले का सच
यह मामला 2019 का है, जब भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान और अब्दुल्ला के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। अब्दुल्ला की असली जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 के अनुसार, वह 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे। इसलिए, आजम पर आरोप लगा कि उन्होंने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें जन्म का साल 1990 दिखाया गया, ताकि अब्दुल्ला चुनाव लड़ सकें।
बेटे के लिए आजम खान की गलतियां
आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने सियासी रसूख का इस्तेमाल कर बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और उसी आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाया। 2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला स्वार सीट से जीते, लेकिन फर्जी पैन कार्ड का मुद्दा उठने पर जांच में सामने आया कि उन्होंने फर्जी आयु प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था। इसके बाद उनका निर्वाचन रद्द हुआ और सदस्यता भी चली गई। 2022 में स्वार सीट से अब्दुल्ला दोबारा जीते, लेकिन एक मुकदमे में सजा होने पर उनकी सदस्यता फिर रद्द हो गई। यह आजम के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है, जिसमें अब तक 6 मामलों में उन्हें सजा मिली है।
अदालत का फैसला और आगे की राह
इस मामले का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था। वादी आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने तर्क दिया कि आजम के इशारे पर ही दोनों पैन कार्ड का अलग-अलग इस्तेमाल हुआ, इसलिए पिता भी दोषी हैं। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने आजम और अब्दुल्ला को धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया। उन्हें धारा- 467 (दस्तावेजों की जालसाजी) के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, धारा- 120 बी, 468, 420 और 471 के तहत भी अलग-अलग अवधि की सजाएं दी गई हैं। आजम के वकील नासिर सुल्तान ने बताया कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। 7 साल की सजा होने के कारण उन्हें तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। उनके पास 30 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प है।
आजम को जेल भिजवाने वाले आकाश सक्सेना
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि आजम पर जितने भी मामले चल रहे हैं, वे सभी पुख्ता सबूतों पर आधारित हैं। आकाश सक्सेना पेशे से व्यवसायी और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं। आजम की विधायकी जाने के बाद रामपुर शहर सीट पर हुए उपचुनाव में आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को हराकर जीत हासिल की थी। आकाश अब तक 43 मामलों में आजम के खिलाफ सीधे पक्षकार हैं।