पर्यावरण एवं जलवायु : रामगढ़ क्रेटर क्षेत्र को विकसित करने के लिए परामर्श कार्यशाला आयोजित

विशिष्ठ शासन सचिव श्रीमती मोनाली सेन शुक्रवार को सचिवालय में  रामगढ़ क्रेटर, बारां  को जियो हेरिटेज साइट के रूप में विकसित  करने के लिए विचार विमर्श करने हेतु बैठक की अध्यक्षता कर रही थी

Consultation workshop organized to develop Ramgarh crater area

जयपुर । वन,  पर्यावरण  एवं जलवायु परिवर्तन विभाग कि  विशिष्ठ शासन सचिव श्रीमती मोनाली सेन ने कहा कि राजस्थान के बारां जिले में स्थित रामगढ़ क्रेटर एक अद्वितीय भूवैज्ञानिक स्थल है। रामगढ़ क्रेटर भारत और दुनिया के कुछ पुष्टिकृत उल्का प्रभाव क्रेटरों में से एक है।


रामगढ़ क्रेटर विंध्य पर्वतमाला के  पठार में स्थित है, जो जैव विविधता से समृद्ध क्षेत्र है और सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से यह क्रेटर  भंड देव मंदिर का भी घर है, जो 10वीं शताब्दी का शिव मंदिर है, वहीं खजुराहो स्मारक समूह, जो कलात्मक और स्थापत्य उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है अतः रामगढ़ क्रेटर को भू विरासत के रूप में विकसित किया जाना न केवल समय की मांग है बल्कि पर्यटन एवं विरासत संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

विशिष्ठ शासन सचिव श्रीमती मोनाली सेन शुक्रवार को सचिवालय में  रामगढ़ क्रेटर, बारां  को जियो हेरिटेज साइट के रूप में विकसित  करने के लिए विचार विमर्श करने हेतु बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।

 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रामगढ़ क्रेटर के विकास के लिए  राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा जो इसकी तैयारी के लिए जिम्मेदार होगी साथ ही यूनेस्को भू-विरासत स्थल और भू-पार्क के लिए दस्तावेज़ भी तैयार किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सभी हितधारक विभागों द्वारा रामगढ़ क्रेटर का एक संयुक्त सर्वेक्षण किया जाएगा जिसके तहत मार्च 2024 के अंत तक इसे जियो पार्क के रूप में विकसित करने के लिए योजना तैयार की जाएगी।

इसी के साथ रामगढ़ क्रेटर को “राज्य भू-विरासत पार्क“ घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एक अनूठी पहल है, यदि यह योजना सफल होती है तो रामगढ़ क्रेटर दक्षिण पूर्व  एशिया क्षेत्र का पहला जियो हेरिटेज  पार्क होगा। 

बैठक में  पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के वरिष्ठ अधिकारी , पर्यटन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान सी2सी, भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारत के (जीएसआई) और यूनेस्को जियो-पार्क अवधारणा के क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे।