भ्रष्टाचार की बेल: यह वो गुलिस्तां है, जिसकी हर शाख पर उल्लू बैठा है

राजस्थान के सूचना एवं तकनीक यानि कि आईटी विभाग को शॉर्ट में डूइट कहा जाता है। आगे सी भी लगाया हुआ है। परिहास में कहें तो यह ऐसा प्रतीत होता है कि यहां करप्शन की खुली छूट है। हाल ही में यहां का एक मामला सुर्खियों में रहा।

Jaipur | राजस्थान के सूचना एवं तकनीक यानि कि आईटी विभाग को शॉर्ट में डूइट कहा जाता है। आगे सी भी लगाया हुआ है। परिहास में कहें तो यह ऐसा प्रतीत होता है कि यहां करप्शन की खुली छूट है। हाल ही में यहां का एक मामला सुर्खियों में रहा।

तिजोरी में दो लाख 31 हजार की नकदी मिली और एक किलो सोना भी। इसके बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने 35 सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत दी है।

मीणा का यह वार राजस्थान सरकार में इस विभाग की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। इस पूरे मामले के खुलासे में आगे रहे टीएन शर्मा उर्फ त्रिलोकीनाथ शर्मा का संघर्ष गजब का रहा है। देखा जाए तो पूरा मामला इन्होंने ही इन्वेस्टीगेट करके दिया है, राज सामने लाए हैं।

शर्मा फिलहाल राजस्थान हाईकोर्ट में बतौर अधिवक्ता प्रेक्टिस करते हैं और सूचना का अधिकार कानून का उपयोग जनहित में करते हैं। टीएन शर्मा ने थिंक से बातचीत की और अपने संघर्ष के बारे में बताने के साथ—साथ ही इन्होंने बताए इस विभाग के हालात जो चिंता पैदा करते हैं।

सरकारी धन की लूट और अफसरों की मौज ने साफ तौर पर यह साबित किया है कि यह गठजोड़ बड़ा है और कोई भी इसमें हाथ डालकर सुधारना नहीं चाहता।

त्रिलोकीनाथ शर्मा का कहना है कि 2011 में विभाग में ज्वाइन करके जब इन्होंने प्रकरणों का खुलासा किया तो लगातार तनाव दिया जाता रहा। इनका कहना है कि पहले—पहल तो विभाग में ऐसे लोगों को चुना गया जो किसी तरह से काबिल ही नहीं थे। विभाग में हर फाइल पर भ्रष्ट आचरण की काली स्याही थी।

शर्मा ने पूरी बातचीत में विभाग से जुड़े हालातों को बताया है और सुधार की उम्मीद जताई है।