Jodhpur Rajasthan: जोधपुर में ऐप लोन के नाम पर बिजनेसमैन से 12.50 लाख ठगे
जोधपुर (Jodhpur) में ऐप लोन के नाम पर एक बिजनेसमैन (Businessman) से 12.50 लाख रुपए की ठगी की गई। आरोपियों ने बेटी-पत्नी की तस्वीरें वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूले और कई बार घर पहुंचकर भी वसूली की। पीड़ित ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड (Chopasni Housing Board) थाने में मामला दर्ज कराया है।
जोधपुर: जोधपुर (Jodhpur) में ऐप लोन के नाम पर एक बिजनेसमैन (Businessman) से 12.50 लाख रुपए की ठगी की गई। आरोपियों ने बेटी-पत्नी की तस्वीरें वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूले और कई बार घर पहुंचकर भी वसूली की। पीड़ित ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड (Chopasni Housing Board) थाने में मामला दर्ज कराया है।
आशापूर्ण नगर निवासी ललित पारवानी (47) ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार लोन लेने के मैसेज आ रहे थे।
ऐप डाउनलोड करते ही बिछाया जाल
2 सितंबर को ललित पारवानी ने 'नीम क्रेडिट' ऐप डाउनलोड किया। उन्होंने इसमें आधार, पैन सहित अपने और परिजनों के मोबाइल नंबर दर्ज कर दिए।
4 सितंबर को एक वॉट्सऐप नंबर से उन्हें कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनका क्रेडिट स्कोर कम है।
क्रेडिट स्कोर का झांसा और धमकियों का खेल
आरोपियों ने उन्हें सप्ताह-सप्ताह के छोटे-छोटे लोन चुकाने पर क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का लालच दिया। इसके बाद 27 अक्टूबर से पीड़ित के मोबाइल पर अलग-अलग नंबरों से धमकी भरे कॉल आने लगे।
कॉल करने वालों ने कहा कि उनके और परिवार के फोटो-नंबर उनके पास हैं। उन्होंने एक लाख रुपए तुरंत न भेजने पर परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
आरोपियों ने पीड़ित की पत्नी और नाबालिग बेटी की एडिटेड तस्वीरें वायरल करने की भी धमकी दी। इन धमकियों के डर से पीड़ित ने लगातार रकम देना शुरू कर दिया।
लगातार वसूली और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला
आरोपी रौनक, उसकी पत्नी प्रियंका और उनके अन्य साथियों ने पीड़ित से पैसे वसूले। उन्होंने कभी क्यूआर कोड के माध्यम से तो कभी घर पहुंचकर नकद वसूली की।
27 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीच पीड़ित से भारी रकम ऐंठी गई। इसमें 1.25 लाख रुपए ऑनलाइन (फोन-पे), 1.31 लाख रुपए का आईफोन और हवाला के माध्यम से 1 लाख रुपए शामिल थे।
कुल मिलाकर, इस अवधि में पीड़ित से लगभग 12.50 लाख रुपए की ठगी की गई। यह सिलसिला लगातार बढ़ता रहा।
दुकान गिरवी रखनी पड़ी, बदनामी के डर से चुप्पी
लगातार हो रही ब्लैकमेलिंग और धमकियों से व्यापारी ललित पारवानी मानसिक और आर्थिक रूप से टूट गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि रकम जुटाने के दबाव में उन्हें अपनी दुकान तक गिरवी रखनी पड़ी।
कर्ज बढ़ता गया और समाज में प्रतिष्ठा पर आंच आने के डर से वह लंबे समय तक चुप रहे। हालांकि, आरोपियों की बढ़ती धमकियों और लगातार वसूली से वे बेहद परेशान हो गए।
पुलिस में शिकायत और जांच शुरू
अंततः पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
एएसआई स्वरूप सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों की पहचान, उनके बैंक लेनदेन और मोबाइल नंबरों की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर इस गिरोह का पर्दाफाश करेंगे। ऐसे ऐप लोन फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।