शूरवीर राजा की है जन्मस्थली: राजस्थान में स्थित है चीन को टक्कर देने वाला किला

राजस्थान के उदयपुर से 80 किमी उत्तर में कुंभलगढ़ किला स्थित है। 15वीं शताब्दी में महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित इस किले का नाम भी उन्हीं के नाम पर कुंभलगढ़ रखा गया।

उदयपुर | राजस्थान विश्व के मानचित्र पर एक अलग ही पहचान रखता है। यहां का समृद्ध इतिहास हर किसी को यहां आने के लिए मजबूर करता है।

यही कारण है कि ये दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहां के किले और महल पर्यटकों को अपनी ओर बेहद आकर्षित करते हैं। 

इन्हीं किलों में एक ऐसा किला भी है जो चीन जैसे देश को भी टक्कर देता है। इस किले का नाम है ’कुंभलगढ़ फोर्ट’।

कहां स्थित है कुंभलगढ़ का किला ?

राजस्थान के उदयपुर से 80 किमी उत्तर में कुंभलगढ़ किला स्थित है। 15वीं शताब्दी में महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित इस किले का नाम भी उन्हीं के नाम पर कुंभलगढ़ रखा गया।

दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार

चित्तौड़गढ़ किले के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला है कुंभलगढ़। इस किले को भारत की ’महान दीवार’ भी कहा जाता है। 

दुनिया की सबसे लंबी दीवार चीन में है और उसे ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नाम से जाना जाता है, लेकिन दुनिया की दूसरे नंबर की सबसे लंबी दीवार कुंभलगढ़ किले की है। 

इस किले की दीवार को विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार का दर्जा मिला हुआ है। इस किले की दीवारें 36 किमी तक फैली हुई हैं जिसकी चौड़ाई 15 फीट है।

कुंभलगढ़ का विशाल किला अरावली पर्वत श्रृंखला पर समुद्र तल से 1100 मीटर की पहाड़ी की चोटी पर बना है। 

ऊंची पहाड़ी पर बना ये किला दूर से ही अपनी विशालता का परिचय दे देता है।

इस किले में 7 विशाल दरवाजों का निर्माण किया गया है। यह राजस्थान के हिल फाउंटेन में शामिल एक विश्व धरोहर भी है। 

महाराणा प्रताप का जन्मस्थान है कुंभलगढ

कुंभलगढ़ किला मेवाड़ के शूरवीर और अकबर से लौहा लेने वाले प्रतापी राजा महाराणा प्रताप का जन्मस्थान है। 

किले के अंदर बने अलग-अलग भागों के अलग-अलग नाम हैं। इस भव्य किले में लगभग 360 मंदिर हैं, जिनमें से 300 जैन मंदिर हैं और बाकी हिंदू मंदिर हैं।