चिकित्सा एवं योग केंद्र: वर्तमान समय में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग अत्यंत प्रासंगिक - शिक्षा मंत्री पूरी दुनिया में प्राकृतिक चिकित्सा और योग से जुड़े केंद्र खोले जा रहे हैं

भामाशाहों के योगदान की सराहना करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री  सुमित गोदारा ने कहा कि विज्ञान और एलोपैथी चिकित्सा के नए-नए अनुसंधानों के बावजूद नेचुरोपैथी और योग के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता।

Madan Dilawar and Food and Civil Supplies Minister Shri Sumit Godara participated

जयपुर । बीकानरे जिले के प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केंद्र में सोमवार को भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसमें शिक्षा मंत्री  मदन दिलावर और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री  सुमित गोदारा ने शिरकत की। इस अवसर पर शिक्षा और पंचायती राज मंत्री  मदन दिलावर ने कहा कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा, विश्व को भारत की देन रही है।

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विकास में भामाशाहों का योगदान सराहनीय है।  दिलावर ने कहा कि आज पूरी दुनिया योग के महत्व को स्वीकार कर रही है। योग के माध्यम से असाध्य रोगों को ठीक किया गया है। वर्तमान जीवन शैली में हमें नेचुरोपैथी की तरफ एक बार फिर देखने की आवश्यकता है।

भामाशाहों के योगदान की सराहना करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री  सुमित गोदारा ने कहा कि विज्ञान और एलोपैथी चिकित्सा के नए-नए अनुसंधानों के बावजूद नेचुरोपैथी और योग के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता।

यही कारण है कि पूरी दुनिया में प्राकृतिक चिकित्सा और योग से जुड़े केंद्र खोले जा रहे हैं। इस अवसर पर योग केंद्र के विकास करने में सहयोग करने के लिए भामाशाह  द्वारका प्रसाद पच्चीसिया, सीताराम भांभू, भरत ठोलिया, पवन अग्रवाल, भुवनेश पुरोहित का सम्मान किया गया।

बीकानेर (पश्चिम) विधायक  जेठानंद व्यास ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदैव योग का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने यहां चलाए जा रहे योग प्रशिक्षण की जानकारी दी। इस अवसर पर प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के उपाध्यक्ष भगवान अग्रवाल, कथावाचक गोपालदास महाराज ने भी अपने विचार प्रकट किए।