Rajasthan: पंचायत-निकाय चुनाव: भाजपा-कांग्रेस तैयार, OBC रिपोर्ट का इंतजार

राजस्थान (Rajasthan) में पंचायत और निकाय चुनावों (Panchayat and Nikay Chunav) हेतु भाजपा (BJP) व कांग्रेस (Congress) ने संगठनात्मक तैयारियां पूरी कीं। ओबीसी आयोग (OBC Commission) की रिपोर्ट लंबित है, हाईकोर्ट (High Court) ने अप्रैल तक चुनाव कराने को कहा है। ये 2028 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल हैं।

पंचायत-निकाय चुनाव: 2028 का सेमीफाइनल

जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में पंचायत और निकाय चुनावों (Panchayat and Nikay Chunav) हेतु भाजपा (BJP) व कांग्रेस (Congress) ने संगठनात्मक तैयारियां पूरी कीं। ओबीसी आयोग (OBC Commission) की रिपोर्ट लंबित है, हाईकोर्ट (High Court) ने अप्रैल तक चुनाव कराने को कहा है। ये 2028 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल हैं।

प्रदेश में पंचायत और निकायों का पुनर्गठन हो चुका है। प्रशासन की ओर से चुनाव की पूरी तैयारियां हैं, बस ओबीसी आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है।

उधर, राजस्थान हाईकोर्ट भी अप्रैल तक इन चुनावों को कराने की बात कह चुका है। ऐसे में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी संगठनात्मक तैयारियां तेज कर दी हैं।

2028 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल

अगले विधानसभा चुनाव से पहले इन स्थानीय चुनावों को एक बड़े सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। तब तक वर्तमान सरकार के भी ढाई साल पूरे हो चुके होंगे।

इस दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल सरकार के ढाई साल के कामकाज की सफलता-विफलता को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएंगे। ये चुनाव आगामी राजनीतिक परिदृश्य की दिशा तय करेंगे।

भाजपा की संगठनात्मक तैयारी

भाजपा का प्रदेश में पहले से ही एक मजबूत कैडर बेस मॉडल रहा है। पार्टी ने इन चुनावों के लिए अपनी संगठनात्मक तैयारियों को और मजबूत किया है।

  • प्रदेश के कुल 52,252 बूथों में से 40,005 यानी 77 प्रतिशत बूथ कार्यकारिणी तैयार हो चुकी हैं।
  • 1139 मंडलों में से 893 मंडल अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी भी तैयार कर ली गई है।
  • संगठन की दृष्टि से सभी 44 जिलाध्यक्ष बन चुके हैं, जिनमें से 20 की कार्यकारिणी भी तैयार है।
  • प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी कार्यकारिणी भी घोषित कर दी है, जिससे संगठन को एक नई गति मिली है।

हालांकि, भाजपा की ओर से अभी मोर्चा अध्यक्ष, प्रकोष्ठ संयोजक और शेष पदाधिकारियों की नियुक्तियां होना बाकी हैं। युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, एसटी मोर्चा, एससी मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा और ओबीसी मोर्चा में नियुक्तियां लंबित हैं।

इसके अलावा, 40 प्रकोष्ठों में से फिलहाल एक भी घोषित नहीं किया गया है, जिस पर जल्द ही निर्णय अपेक्षित है।

कांग्रेस की संगठनात्मक तैयारी

इस बार कांग्रेस ने भी भाजपा की तर्ज पर अपने संगठन को बूथ कार्यकारिणी के गठन से लेकर प्रदेश स्तर तक मजबूती से खड़ा किया है। यह कदम स्थानीय चुनावों को और भी रोचक बना सकता है।

  • पार्टी ने 52 हजार से ज्यादा बूथ अध्यक्ष और 10-10 कार्यकर्ताओं की कार्यकारिणी तैयार की है। इनमें से एक कार्यकर्ता को बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) बनाया गया है।
  • हर विधानसभा क्षेत्र में 11 मंडल यानी कुल 2200 मंडलों में अध्यक्ष और 30-30 सदस्यों की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी है।
  • प्रत्येक विधानसभा में दो ब्लॉक यानी कुल 400 ब्लॉकों पर अध्यक्ष और उनकी 50 सदस्यों की कार्यकारिणी भी तैयार है।

प्रदेश में 240 निकायों के लिए कांग्रेस की ओर से विशेष कमेटियां बनाई जानी हैं। 169 निकायों के अलावा अन्य स्थानों पर मंडल कमेटियां ही निकाय चुनाव का काम देखेंगी।

संगठन की दृष्टि से 50 जिलाध्यक्षों में से 45 नए जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके हैं, जो पार्टी की जमीनी पकड़ को मजबूत करेंगे।

पंचायत चुनाव के लिए खास रणनीति

कांग्रेस ने पंचायत चुनावों के लिए एक विशेष रणनीति भी तैयार की है। इसके तहत एक जिले का प्रभारी और दो से तीन सहप्रभारी नियुक्त किए जाएंगे।

नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद और पंचायत समिति के लिए भी एक-एक प्रभारी व सहप्रभारी बनाए जाएंगे। इन प्रभारियों का मुख्य काम अपने प्रभार क्षेत्र में बूथ कमेटियों और पन्ना प्रमुखों को अपडेट करना होगा।

साथ ही, जिला टीम में किसी भी प्रकार का विरोधाभास होने पर समन्वय स्थापित करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। यह रणनीति चुनावों में बेहतर समन्वय और प्रदर्शन सुनिश्चित करने में मदद करेगी।