बांग्लादेश: शेख हसीना पर आज फैसला: बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी, गोली मारने के आदेश

बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के राजनीतिक भविष्य पर आज अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) फैसला सुनाएगा। मानवता के विरुद्ध अपराधों के मामले में इस बहुप्रतीक्षित फैसले के मद्देनजर पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।

शेख हसीना पर आज फैसला, बांग्लादेश में तनाव

ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के राजनीतिक भविष्य पर आज अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) फैसला सुनाएगा। मानवता के विरुद्ध अपराधों के मामले में इस बहुप्रतीक्षित फैसले के मद्देनजर पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।

आज, 17 नवंबर 2025 को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के एक महत्वपूर्ण मामले में अपना फैसला सुनाने जा रहा है। इस फैसले के मद्देनजर राजधानी ढाका और आसपास के जिलों सहित पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया गया है। देश में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं।

मामला और गंभीर आरोप

शेख हसीना पर जुलाई-अगस्त 2024 में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों का आरोप है। इन आरोपों में हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं। इस मामले में उनके साथ तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून भी सह-आरोपी हैं। अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए अधिकतम संभव सजा की मांग की है, जिसमें मृत्युदंड भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, अभियोजन पक्ष ने उनकी संपत्ति जब्त कर पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों को वितरित करने का भी अनुरोध किया है।

शेख हसीना की स्थिति और प्रतिक्रिया

अगस्त 2024 में तख्तापलट के बाद से शेख हसीना भारत के नई दिल्ली में निर्वासन में रह रही हैं। उनकी अनुपस्थिति में ही यह मुकदमा चला है और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है। हसीना ने इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित और झूठा बताया है। उन्होंने लगातार यह दावा किया है कि वह देश के लोगों के लिए काम कर रही हैं और करती रहेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश तभी लौटेंगी जब स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से लोकतंत्र बहाल होगा।

बेटे की चेतावनी और राजनीतिक तनाव

फैसले से पहले, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने गंभीर आशंका व्यक्त की है कि उनकी मां को मौत की सजा सुनाई जा सकती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी पार्टी, अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो उनके समर्थक फरवरी 2026 में होने वाले आगामी चुनावों को बाधित करेंगे। वाजेद ने रॉयटर्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें ठीक-ठीक पता है कि फैसला क्या होने वाला है, और यह पहले से तय है। हालांकि, अंतरिम सरकार के एक प्रवक्ता ने वाजेद की इस चेतावनी को "अत्यंत गैरजिम्मेदाराना और निंदनीय" बताया है।

देशभर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

फैसले से पहले बांग्लादेश में तनाव का माहौल चरम पर है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) आयुक्त एसएम सज्जात अली ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया है, खासकर उन लोगों पर जो बसों में आग लगाते हैं या देसी बम फेंकते हैं। देश भर में अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राजधानी ढाका सहित गोपालगंज, फरीदपुर और मदारीपुर जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों पर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और सेना के जवानों को तैनात किया गया है। फैसले से पहले कई इलाकों में हिंसक झड़पें, आगजनी, सड़क जाम और बम धमाकों की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे पूरे देश में असुरक्षा का माहौल बन गया है। अवामी लीग ने फैसले के विरोध में देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।

अपील का अधिकार और आगे की राह

आईसीटी-बीडी कानून के अनुसार, शेख हसीना शीर्ष अपीलीय प्रभाग में इस फैसले को तब तक चुनौती नहीं दे पाएंगी जब तक कि वह आत्मसमर्पण नहीं कर देतीं या फैसले के 30 दिनों के भीतर गिरफ्तार नहीं हो जातीं। बांग्लादेश इस समय अपने राजनीतिक इतिहास के सबसे तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है, और आज का फैसला देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा, जिससे आने वाले समय में और उथल-पुथल की आशंका है।