'कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील': पायलट के कदम पर राजेन्द्र राठौड़, औवेसी और आम आदमी पार्टी का बयान भी आ गया

जयपुर । वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ कथित रूप से लंबित भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के एक दिन के उपवास के फैसले ने राजस्थान में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस द्वारा इसके खिलाफ चेतावनी देने के बावजूद, सचिन पायलट

sachin pilot anshan

जयपुर | वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ कथित रूप से लंबित भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के एक दिन के उपवास के फैसले ने राजस्थान में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।

कांग्रेस द्वारा इसके खिलाफ चेतावनी देने के बावजूद, सचिन पायलट अपने अनशन के साथ काफी आगे बढ़ गए हैं। जिसे विपक्षी दलों ने राज्य सरकार में दरार के संकेत के रूप में देखा और अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

राजस्थान बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पायलट का अनशन राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का अनशन करने का फैसला कांग्रेस आलाकमान को खुली चुनौती है।

कांग्रेस ने देश भर में अपनी पकड़ खो दी है, और उसके कमजोर आलाकमान को राजस्थान में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

पहली चुनौती थी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धड़े का 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल सीएलपी की बैठक का बहिष्कार करना। दूसरी चुनौती थी पायलट का अनशन।

राठौड़ के बयान से पता चलता है कि विपक्ष स्थिति को भुनाने और कांग्रेस की कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए तैयार है।

।प्डप्ड प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पायलट के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि इस मामले पर कांग्रेस के रुख ने संदेश दिया कि पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए गंभीर नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं और एक पूर्व उपमुख्यमंत्री का अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना दिखाता है कि कोई भी पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ने को लेकर गंभीर नहीं है।

आम आदमी पार्टी जिसने घोषणा की है कि वह आगामी राजस्थान चुनावों में गंभीरता से चुनाव लड़ेगी। वह भी पायलट के विरोध के समर्थन में सामने आई है। राजस्थान के लिए आप के चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने गहलोत सरकार को सबसे भ्रष्ट और निकम्मा करार दिया।

मिश्रा ने ट्वीट किया कि राजस्थान को एक विकल्प की जरूरत है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सचिन पायलट का उपवास इस बात का संकेत है कि एक उच्च शिक्षित युवा नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा हो रहा है।

सचिन पायलट के उपवास ने राज्य सरकार में दरार को उजागर किया है और विपक्षी दलों को कांग्रेस की कमजोरियों की आलोचना करने का अवसर प्रदान किया है।

जहां कुछ विपक्षी नेताओं ने पायलट के विरोध का समर्थन किया है, वहीं अन्य ने इसे कांग्रेस पर हमला करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस ताजा चुनौती का क्या जवाब देगी और सचिन पायलट के उपवास का राज्य की राजनीति पर कोई खास असर पड़ेगा या नहीं?