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राजस्थान में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में करोड़ों का घपला, ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो इसकी जांच करवाई जाएगी - राज्यवर्धन राठौड़
जयपुर | खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में केवल टी-शर्ट इत्यादि की खरीद पर हुए व्यय में यदि कोई भ्रष्टाचार हुआ है तो राज्य सरकार वित्त विभाग के माध्यम से इसकी पूरी जांच कराएगी।
कर्नल राठौड़ प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिन्ता का विषय है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय 126 करोड़ रुपए की राशि इनकी खरीद पर व्यय कर दी गई।
उन्होंने कहा कि खेल विभाग के बजट से भी 4 गुना अधिक बजट इन खेलों के आयोजन में किया गया और किसी भी नए स्टेडियम अथवा स्थायी परिसंपत्ति का निर्माण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्य खेल अधिकारी के चयन को लेकर भी किसी तरह की अनियमितता हुई है तो उसकी भी जांच कराई जाएगी।
इससे पहले विधायक मनोज कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल- 2022 में 40 करोड़ 92 लाख 56 हजार 890 रुपए की राशि व्यय हुई। इसी प्रकार राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल- 2023 में 155 करोड़ 46 लाख 72 हजार 500 रुपए की राशि व्यय हुई। उन्होंने इन दोनों प्रतियोगिता के आयोजन में हुए व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा।
राठौड़ ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आधार पर राज्य, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं के चयन या सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
कर्नल राठौड़ ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हुए व्यय की अभी तक कोई जांच नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि विधायक की मांग को देखते हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हुए व्यय की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान क्रीडा सहायता अनुदान नियम के तहत 7 हजार 145 आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी समीक्षा व प्रमाणीकरण पश्चात पात्र खिलाडियों को देय राशि का निर्धारण होगा। उन्होंने बताया कि आउट आफ टर्न सरकारी सेवा में नियुक्ति हेतु 142 खिलाड़ियों के आवेदन चयन प्रक्रियाधीन है।