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भारत का चंद्र मिशन आज पूरा होने जा रहा है। चंद्रयान 3 कुछ ही घंटों बाद चांद की धरती पर उतरने वाला है। आज शाम 6ः04 बजे चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। ऐसा करते ही भारत नया इतिहास रचेगा।
नई दिल्ली | Chandrayaan 3: बुधवार का दिन भारत के लिए बेहद ही ऐतिहासिक बनने जा रहा है।
भारत का चंद्र मिशन आज पूरा होने जा रहा है। चंद्रयान 3 कुछ ही घंटों बाद चांद की धरती पर उतरने वाला है।
ऐसा करते ही भारत नया इतिहास रचेगा। चंद्रयान 3 की चांद पर ’सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा है।
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, आज शाम 6ः04 बजे चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
17 मिनट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण
चांद पर लैंडिंग प्रक्रिया के लिए 17 मिनट बेहद महत्वपूर्ण और जोखिम भरे होंगे।
इस दौरान पूरी प्रक्रिया ऑटोनॉमस होगी, लैंडर को अपने इंजनों को सही समय और ऊंचाई पर चालू करना होगा।
इसके साथ ही सबसे खास सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल करना।
अंत में चांद की सतह छूने से पहले किसी भी बाधा या पहाड़ी या क्रेटर की जानकारी के लिए चंद्रमा की सतह को स्कैन किया जाएगा। ऐसे में मून मिशन के लिए ये पल सबसे ज्यादा अहम होंगे।
अगर आज नहीं मिली सफलता तो फिर 27 अगस्त को
देश और दुनिया की नजर मिशन मून चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है। मिशन को लेकर जितना उत्साह और रोमांच है उतना ही चांद पर उतरना जटिल और मुश्किल।
इसरो के मुताबिक, इन सभी परिस्थितियों के सही होने पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होगी और अगर इनमें किसी में प्रकार की समस्या पैदा होने पर इस योजना को बदला जाएगा।
इसरो साइंटिस्ट नीलेश एम देसाई के अनुसार, पूर्व निर्धारित तिथि और समय पर साफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया में अड़चन आती है तो इसे 27 अगस्त के लिए स्थगित किया जा सकता है।
देश के वैज्ञानिकों के इस मून मिशन को सफल होते देखने के लिए सभी देशवासी बेहद उत्साहित हैं।
देश में जगह-जगह चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूजा-पाठ का दौर चल रहा है।
स्पेस पॉवर में चौथा देश बन जाएगा भारत
चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग होते ही भारत स्पेस पॉवर में चौथा देश बन जाएगा।
इससे पहले तक चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के मामले में अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ने ये सफलता हासिल की है।
बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन की लागत 600 करोड़ रुपये है और इसे 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम मार्क 3 से लॉन्च किया गया था।